Wednesday, September 17, 2025
Homeविदेशकोरोना महामारी बीच आया जानलेवा लासा बुखार, जानिए लक्षण

कोरोना महामारी बीच आया जानलेवा लासा बुखार, जानिए लक्षण

दुनियाभर में कोरोनावायरस के संक्रमण में कमी नहीं आई है। कुछ देशों में नए मामले बढ़ रहे हैं। चीन में भी कोरोना से भी बदतर स्थिति है। चीन ने कई शहरों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच नाइजीरिया में भीषण बुखार तेजी से बढ़ रहा है। इस संक्रमण को ल्हासा बुखार कहा जाता है। आशंका जताई जा रही है कि यह बुखार दुनिया के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।

नाइजीरिया रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की रिपोर्ट है कि ल्हासा बुखार ने इस साल नाइजीरिया में 88 दिनों में 123 लोगों की जान ले ली है। अब तक 659 लोगों ने ल्हासा से संबंधित संक्रमण की पुष्टि की है। इतना ही नहीं बुखार ब्रिटेन तक पहुंच गया है। वहां दो मरीजों के बीच इसकी पुष्टि हुई और एक मरीज की मौत हो गई।

नाइजीरिया में भीषण संक्रमण

अनुमान है कि ल्हासा बुखार के 25 प्रतिशत रोगी बहरे हैं। इनमें से आधे रोगियों की सुनवाई तीन महीने के भीतर ठीक हो जाती है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट है कि ल्हासा बुखार एक तीव्र वायरल रक्तस्रावी बुखार है। इस बीमारी का पता पहली बार 1969 में नाइजीरिया के ल्हासा में लगा था। शहर का नाम ल्हासा के नाम पर रखा गया है।

ल्हासा बुखार वायरस को एरिना वायरस के परिवार से संबंधित माना जाता है। यह वायरस चूहों से फैलता है। अफ्रीकी मल्टीमेट चूहों को आमतौर पर पकड़ा जाता है। घरेलू सामान या भोजन चूहों के मल या मूत्र के संपर्क में आने से फैलता है। उसके बाद ल्हासा बुखार फैल गया।

डब्ल्यूएचओ ने कहा 80 प्रतिशत लोग संक्रमण

उसने यह भी पाया कि ल्हासा बुखार से संक्रमित 80 प्रतिशत लोग संक्रमण का पता भी नहीं लगा सके। वहीं, संक्रमित हर पांच में से एक मरीज को गंभीर समस्या है। शरीर के प्रमुख अंगों, जैसे कि लीवर और किडनी के ल्हासा वायरस से संक्रमित होने की सूचना मिली है। इस बुखार का असर 21 दिनों तक रहता है। हर साल यह दुनिया में लगभग पांच हजार मौतों का कारण बनता है।

Read More : सामने आई भारत की पहली हाइड्रोजन कार, संसद पहुंचे नितिन गडकरी

ल्हासा वायरस के संक्रमण से तेज बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सीने में दर्द, दस्त, खांसी, पेट दर्द और जी मिचलाना जैसी समस्याएं होती हैं। गंभीर रोगियों को चेहरे पर सूजन, फेफड़ों में पानी और मुंह और नाक से खून बहने का अनुभव होता है। रोगी का रक्तचाप भी तेजी से घटता है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments