Saturday, September 21, 2024
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कॉलेज ने हिजाब पहनने वाले छात्रों को नहीं दी सरकारी टैबलेट! विवादों में योगी सरकार

गाजियाबाद : कर्नाटक का साया अब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पर है। हिजाब ने नए सिरे से बहस छेड़ दी। उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद स्थित गिन्नी देवी मोदी गर्ल्स पीजी कॉलेज मोदीनगर की हिजाब पहने कुछ छात्राओं द्वारा प्रदर्शन करने के मामले में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने गोपनीय ढंग से जांच शुरू कर दी है। पुलिस को आशंका है कि ईद से ठीक एक दिन पहले यह प्रदर्शन किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि जिन ट्विटर हैंडल्स से ये वीडियो शेयर की गई, उन हैंडल्स को चलाने वाले स्थानीय ही नहीं हैं। फिलहाल छात्राओं से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।

छात्राओं को एंट्री नहीं देने पर हुआ था विवाद

1 मई को गिन्नी देवी मोदी गर्ल्स कॉलेज में उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के तहत छात्राओं को टेबलेट और स्मार्टफोन वितरित करने का प्रोग्राम था। प्राचार्य प्रोफेसर वंदना शर्मा का कहना है कि इस कार्यक्रम में कुछ छात्राएं बिना यूनिफार्म के आई थी, जिन्हें एंट्री नहीं दी गई। ऐसी 10–12 छात्राओं ने कॉलेज के बाहर मुख्य रोड पर जाकर प्रदर्शन किया। हालांकि पुलिस ने उन्हें शांत भी करा दिया। यह पूरा वाकया करीब 15 मिनट में शांत हो गया।

वीडियो वायरल होने पर सामने आई हिजाब की बात

इस घटनाक्रम के कई घंटे बाद छात्राओं के प्रदर्शन की वीडियो वायरल हुई। इस वीडियो में करीब 10–12 छात्राओं को मुख्य रास्ते के बीच में खड़े होकर प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है और यह बताया गया है कि उन्हें हिजाब की वजह से कॉलेज में एंट्री नहीं दी गई। इसी केस से जुड़ी दो छात्राओं ने कुछ टीवी चैनलों को बयान दिया और उसमें स्पष्ट रूप से यह कहा कि हिजाब पहनने की वजह से प्राचार्य ने न तो उन्हें घुसने दिया और ना ही कोई बात की। इस वजह से वह सरकार की योजना का लाभ पाने से वंचित रह गई।

छात्राएं बोली- कोई यू-ट्यूबर आया था

पुलिस ने इन दोनों छात्राओं का एड्रेस निकलवाया और घर पर पहुंचकर फैमिली से बातचीत की। पता चला कि बयान देने वाली एक छात्रा BA सेकेंड ईयर में पढ़ती है, जिसे नियमानुसार टैबलेट या स्मार्टफोन का लाभ नहीं मिल सकता। जबकि दूसरी छात्रा वाकई में इसकी पात्र थी, जो उस दिन ड्रेस कोड का पालन नहीं करने की वजह से वंचित रह गई। पुलिस जांच में यह बात निकलकर आ रही है कि कोई यू–ट्यूबर व्यक्ति प्रदर्शन के दौरान आया था और छात्राओं को सड़क पर खड़ा करके वीडियो बनवाकर ले गया।

प्रोटेस्ट से अलग छात्राओं ने कहा- हिजाब का कोई विवाद नहीं

जिन ट्विटर हैंडल से यह वीडियो वायरल की गई है, वे स्थानीय भी नहीं हैं। न ही वे ट्विटर हैंडल किसी छात्रा के हैं। ऐसे में पुलिस मान रही है कि प्रदर्शन को गलत रूप देने में किसी बाहरी व्यक्ति का हाथ हो सकता है। फिलहाल उसकी तलाश जारी है। पुलिस ने इस प्रदर्शन के बाद इसी कॉलेज की दूसरी मुस्लिम छात्राओं से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यहां हिजाब का कोई विवाद ही नहीं है। अगर विवाद होता तो सभी मुस्लिम छात्राएं एक प्लेटफार्म पर खड़ी होती।

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खोड़ा में भी हुआ था ऐसा ही प्रोटेस्ट

आपको बता दें कि गाजियाबाद के खोड़ा इलाके में भी कुछ दिन पहले कर्नाटक के हिजाब मुद्दे पर महिलाओं ने प्रदर्शन किया था। पुलिस जांच में पता चला कि उन्हें प्रदर्शन के लिए एक संगठन ने उकसाया था। बाद में पुलिस ने इस संगठन के व्यक्ति पर कानूनी कारवाई भी की थी।

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