CM अशोक गहलोत के फोटो लगे नबेर से कि व्हाट्सप्प कालिंग

CM अशोक गहलोत के फोटो लगे नबेर से कि व्हाट्सप्प कालिंग
CM अशोक गहलोत के फोटो लगे नबेर से कि व्हाट्सप्प कालिंग
राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले में अशोक गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद से भी ठगी का प्रयास कर पैसों की डिमांड की गई थी | वहीं गुरूवार को बाड़मेर जिले में कार्यरत एक आरएएस अधिकारी के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बनकर साइबर ठगी के प्रयास करने का मामला सामने आया है | जानकारी के मुताबिक जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई को 2 बजकर 9 मिनट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोटो और नाम लिखे हुए नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया कि वह मीटिंग में हैं और उसे अर्जेंट अमेजन पे ई-गिफ्ट कार्ड से कुछ सामान खरीदना है तो पैसों की जरूरत है |
ऐसे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सजगता दिखाते हुए उसे कोई जवाब नहीं दिया | इसके बाद लगातार फोन कॉल व व्हाट्सएप पर मेसेज कर पैसों की डिमांड की जा रही थी | उन्हें लगातार मैसेज कर अमेजन पे ई-गिफ्ट कार्ड से 30 कार्ड खरीदने की डिमांड रखी गई जो एक कार्ड 10 हजार रुपये का था | ऐसे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की सजगता से 3 लाख रुपये की ठगी से बच गए है |

सीएम की फोटो लगे नंबर से आया कॉल

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई के मुताबिक उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री का फोटो और नाम लिखे नम्बरों से मैसेज और WhatsApp कॉल आए कि अमेजन पे ई गिफ्ट कार्ड से उन्हें 30 कार्ड खरीदने हैं | वह खुद मीटिंग में है| हर कार्ड 10 हजार रुपये का था | ऐसे में करीब 3 लाख रुपये की डिमांड की गई थी | उन्हें विश्वास था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसा मैसेज नहीं भेज सकते हैं | इसके बाद पैसे नहीं दिए तो लगातार मेसेज और फोन कॉल आने लगे |
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई की सजगता से खुद को लाखों की ठगी से बचा लिया है | उन्होंने आमजन से अपील की है कि ऐसे कोई भी परिचित या अनजान नम्बरों से मेसेज या फोन कॉल आए तो उसे पैसे नहीं दें | गौरतलब है कि सरहदी बाड़मेर जिले में पहले भी कई युवा साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं | बाड़मेर में साइबर सेल पुलिस उपाधीक्षक होने के बावजूद आज तक एक भी सायबर ठगी का खुलासा नही हो पाया है |