हरियाणा हाईकोर्ट की दखलंदाज़ी और काफी विवादों के बाद मंगलवार को Chandigarh Mayor Election हुआ जिसका परिणाम चौंकाने वाला रहा। भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया। मनोज चंडीगढ़ नगर निगम के नए मेयर बन गए हैं। उन्होंने आप-कांग्रेस के I.N.D.I.A अलायंस के कैंडिडेट कुलदीप टीटा को हरा दिया। सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत संधू और डिप्टी मेयर राजेंद्र शर्मा चुने गए हैं।
कम होने के बाद भी भाजपा की जीत कैसे
चुनाव परिणाम के बाद पंजाब के सीएम और आप नेता भगवंत मान ने चुप्पी थोड़ी। उन्होंने एक बयान में कहा , “आज का दिन हमारे देश के लोकतंत्र में ‘काले दिन’ के रूप में लिखा और याद किया जाएगा। ” इसके साथ ही उन्होंने कहा , हम विपक्ष वाले 20 थे और वे 15 । अब सोचने वाली बात यह है की ऐसा कैसे हो गया 20 वाले हार गए और 15 वाले जीत गए।
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आपको बता दें , भगवंत मान का आरोप है की मॉनिटरिंग करने वालों के मुताबिक हमारे 8 लोगों को वोट करना नहीं आता था। इसलिए उन सभी का वोट अमान्य कर दिया गया। जबकि उनमें से कई पिछली बार वोट कर चुके है। मॉनिटरिंग टीम के अनुसार उनके 16 वोट सही थे। इसके साथ ही मान ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कोर्ट तक जाने की बात कही।
I.N.D.I.A अलायंस को झटका
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए सांसद और 35 पार्षदों ने वोट डाला। भाजपा के मनोज सोनकर ने 35 में से 16 वोट हासिल किए। जबकी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप टीटा सिर्फ 12 वोट हासिल कर पाए। इसके अलावा 8 वोट कैंसिल कर दिए गए। कांग्रेस ने अपने मेयर प्रत्याशी जसबीर सिंह बंटी का नामांकन वापस लेकर कुलदीप टीटा को समर्थन देकर दाव चला लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। बता दें कि, चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था। आप और कांग्रेस के कुल 20 पार्षद थे।
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