डिजिटल डेस्क: बीसीसीआई में पहले भी आर्थिक भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आ चुके हैं। भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग के आरोपों से पूरी तरह मुक्त नहीं है। वित्तीय भ्रष्टाचार या मैच फिक्सिंग या अनुशासन भंग के आरोपों की स्थिति में आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, इस पर भी बोर्ड के पास स्पष्ट दिशानिर्देश हैं। लेकिन, अगर यौन शोषण का कोई आरोप लगता है तो आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? या फिर जांच कैसे आगे बढ़ाई जाए, इस बारे में कोई स्पष्ट गाइडलाइन बोर्ड नहीं है।
बोर्ड उस गाइडलाइन को सौरव गांगुली युग के ऐतिहासिक फैसले के साथ तैयार करने जा रहा है। यह अफवाह है कि भारतीय क्रिकेट में सेक्स स्कैंडल को रोकने के लिए बीसीसीआई जल्द ही स्पष्ट दिशा-निर्देश लेकर आएगा। अंतिम फैसला 20 सितंबर को बोर्ड की शीर्ष परिषद की बैठक में लिया जाएगा। सच कहूं तो भारतीय क्रिकेट में अब तक यौन उत्पीड़न के ऐसे कोई आरोप नहीं लगे हैं। इसलिए बोर्ड ने ऐसे किसी कानून की जरूरत महसूस नहीं की। लेकिन हाल ही में बीसीसीआई के पूर्व सीईओ राहुल जौहरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। और उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया। तब से, बोर्ड ने सेक्स स्कैंडल को रोकने के लिए कानून लाने की आवश्यकता महसूस करना शुरू कर दिया है।
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एक और अहम मुद्दे पर 20 सितंबर को बोर्ड की शीर्ष परिषद की बैठक में चर्चा होगी। कोरोना महामारी के कारण कई घरेलू क्रिकेट मैच लगभग दो सीजन के लिए रद्द कर दिए गए हैं। नतीजतन, घरेलू क्रिकेटरों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। बोर्ड उन क्रिकेटरों को आर्थिक मुआवजा देने के लिए कदम उठा रहा है।
इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितंबर से शुरू हो रहे आईपीएल पर बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल की बैठक में विस्तार से चर्चा होगी। आगामी टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर भी बातचीत होगी। हालांकि, बोर्ड के शिखर सम्मेलन में यौन उत्पीड़न विरोधी दिशा-निर्देश चर्चा का मुख्य विषय होंगे।