फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस प्रोवाइडर कंपनी वीवर्क दिवालिया हो रही है। कभी वॉल स्ट्रीट की बड़ी कंपनियों में शुमार रही वीवर्क ने अमेरिका में दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया। वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत यह आवेदन किया है। कभी इस कंपनी का बाजार मूल्यांकन 50 अरब डॉलर के करीब था। बता दें कि अमेरिकी मार्केट में वीवर्क के शेयरों की ट्रेडिंग बंद है। हालांकि, कंपनी ने पुनर्गठन के ब्योरे का अधिक खुलासा नहीं किया है। कंपनी ने दिवाला आवेदन में कहा है कि वह कुछ ऐसे गंतव्यों पर लीज को रद्द करना चाहती है, जो इसके लिए अब परिचालन महत्व के नहीं रह गए हैं। कंपनी ने कहा कि सभी प्रभावित सदस्यों को इसके बारे में अग्रिम नोटिस भेज दिया गया है।
कोरोना काल में बढ़ मुसीबतें
वर्किंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वीवर्क इंडिया ने कहा है कि अमेरिकी अदालत में वीवर्क ग्लोबल द्वारा दायर दिवाला आवेदन से भारतीय कारोबार पर किसी तरह से असर नहीं पड़ेगा। वीवर्क इंडिया में बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी ग्रुप की 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें वीवर्क ग्लोबल की 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वीवर्क की मुसीबतें कोरोना काल में बढ़ गई हैं। आईपीओ लाकर फंड जुटाने की कोशिशों को कोरोना की वजह से झटका लगा।
तमाम कोशिशों के बाद 2021 में बहुत कम वैल्युएशन पर कंपनी अमेरिका के शेयार बाजार में लिस्टेड होने में कामयाब रही लेकिन इसने कभी प्रॉफिट नहीं कमाया। बता दें कि वीवर्क ने सॉफ्टबैंक, इनसाइट पार्टनर्स, ब्लैकरॉक और गोल्डमैन सैक्स जैसे निवेशकों से 22 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई थी। 30 जून तक के रियल एस्टेट पोर्टफोलियो में 39 देशों में 777 स्थान शामिल थे, जो लगभग 906,000 वर्कस्टेशन थे।
कंपनी ने क्या कहा
न्यूयॉर्क एक्सचेंज में सूचीबद्ध वीवर्क ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा के बाहर स्थित उसके केंद्र इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे। सॉफ्टबैंक समर्थित वीवर्क इंक का बाजार मूल्यांकन कभी 47 अरब डॉलर था। चालू साल की पहली छमाही में कंपनी को 69.6 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है। वीवर्क इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) करण विरवानी ने बयान में कहा कि भारतीय कारोबार वीवर्क ग्लोबल से स्वतंत्र है और इसलिए इसका परिचालन प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ”वीवर्क इंडिया स्वतंत्र रूप से काम करती हैं।
ऐसे में इस घटनाक्रम से हमारे परिचालन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।” विरवानी ने कहा कि वीवर्क इंडिया अपने-आप में एक अलग इकाई है और इस रणनीतिक पुनर्गठन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि दिवाला कार्यवाही से वैश्विक इकाई के परिचालन पर भी असर नहीं होगा, क्योंकि उसके पास कारोबार का स्वामित्व रहेगा और वह पहले की तरह परिचालन करती रहेगी।
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