बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जातीय गणना से जुड़ी रिपोर्ट पेश की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए। 50 की जगह 65 फीसद किया जाना चाहिए, उन्होंने ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद को मिलाकर आरक्षण 75 फीसद करने का प्रस्ताव रखा।
उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब दिया है। सीएम नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि कहीं कहीं कोई बोल देता है कि इस जाति की संख्या बढ़ गई तो उस जाति की संख्या बढ़ गई। यह बताएं कि जब इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं, तो आप कैसे कह रहे हैं कि इस जाति की संख्या घट गई और उस जाति की संख्या बढ़ गई ? यह बहुत बोगस बात है, यह सब नहीं बोलना चाहिए। जब भी हुआ है केंद्र सरकार ने कराया है।
आप हमारे मित्र हैं, बैठिए – सदन में बोले मुख्यमंत्री नीतीश
इस दौरान सदन में बीजेपी नेता प्रेम कुमार खड़े हो गए तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बैठिए न, आप हमारे मित्र हैं। मेरी बात तो सुन लीजिए, इसके बाद आप कुछ कहना चाहिएगा तो सुनेंगे। आपको कितनी इज्जत करते हैं, पूरी बात सुन लीजिए। रिपोर्ट जब बन गई तो अब आपके सामने रख दी गई है। हमने तो केंद्र से शुरू से कहा है कि इसे करा लेना चाहिए था। अभी तो देर हो गई है, 2020 और 2021 में होना था वो नहीं हुआ। हर दस साल पर हो रहा था, इसी साल शुरू कर दें न।
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