America Me Cheen Ke Khilaaf Vidheyak Hua Pesh, Cheen Ki Atki Saansein, One china policy news in hindi, one china vidheyak in america news, america against chine samachar hindi
अमेरिका और चाइना के रिश्ते कोविड-19 महामारी के पास से और खराब होते हुए नजर आ रहे थे। ऐसे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महामारी की बाद से चाइना के जैसे विरोध हो गए थे । यहां तक कि ट्रंप ने कोविड-19 महामारी को चीनी वायरस के कई बार संबोधित किया और महामारी के कारण सबसे ज्यादा अमेरिका के प्रभावित होने की वजह से भी ट्रंप चाइना पर काफी नाराज नजर आ रहे थे। America Me Cheen Ke
इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच हालात इतने खराब हो गए थे कि युद्ध की आशंकाएं नजर आने लगी थी। तो वहीं दूसरी ओर वन चाइना पॉलिसी को लेकर हमेशा से चीन काफी आक्रमक रुख अपनाए हुए रहा है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने उठाए थे सवाल
ऐसे में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान चीन की वन चाइना पॉलिसी पर कई बार खुद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सवाल उठाते हुए इस को गलत बताया था तो वहीं अब एक बार फिर से रिपब्लिकन सांसद इस वन चाइना पॉलिसी के खिलाफ खड़े होते हुए नजर आ रहे हैं इस पॉलिसी के विरोध में एक विधेयक भी पेश किया गया है। America Me Cheen Ke
विदेशी मामलों के जानकारों के अनुसार यदि यह विधेयक पास होता है तो चीन की मुश्किलें बढ़ जाएंगी यही वजह है कि इस विधेयक के कारण चीन काफी परेशान हो रहा है। अमेरिकी सांसद में चीन की वन चाइना पॉलिसी के खिलाफ विधेयक को सांसद टॉम टीफनी और स्कॉट पेरी ने पेश किया है।
ताइवान कोअंतर्राष्ट्रीय संगठनों की सदस्यता देने का समर्थन
America Me Cheen Ke
इसके जरिए दोनों ने राष्ट्रपति बिडेन से ताइवान कोअंतर्राष्ट्रीय संगठनों की सदस्यता देने का समर्थन करने और उसे फ्री ट्रेड को लेकर समझौता करने की अपील की गई है यदि ऐसा होता है तो चाइना को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन सोचने वाली बात यह है वन चाइना पॉलिसी क्या है और क्यों चाइना इसके विरुद्ध विधेयक से इतना परेशान होता हुआ नजर आ रहा है क्यों चीन को इसका इतना असर पड़ रहा है।
क्या हैं चीन की वन चाइना पालिसी
दरअसल चीन ताइवान , मकाउ और हांगकांग को अपना हिस्सा बताता है। जिस वजह से उसने इस मुद्दे को लेकर कड़े रुख इख्तियार किए हैं। इतना ही नहीं ताइवान से यदि कोई राज अपने संबंधों को अलग से स्थापित करता है तो चीन को उस पर आपत्ति होती है चीन का कहना है क्योंकि ताइवान उसका हिस्सा है, America Me Cheen Ke
इसलिए कोई देश सीधे तौर पर ताइवान से संबंध स्थापित नहीं कर सकता। इस नीति के तहत ताइवान उसके अधिकार क्षेत्र में आता है । वहीं ताइवान चीन की इस पॉलिसी को नहीं मानता और खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र बताता है।
क्या कहना है चीन का
America Me Cheen Ke
चीन के अनुसार यदि ताइवान से कोई भी देश संबंध स्थापित करना चाहता है तो उसको चीन से सभी संबंध तोड़ने होंगे जिस वजह से ज्यादातर देश और संयुक्त राष्ट्र भी ताइवान को मान्यता नहीं देते लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ अपनी आक्रमक नीति को अपनाते हुए ताइवान से संबंध बनाने की तरफ कदम बढ़ाया था और अमेरिकी संसद में इसके खिलाफ विधेयक पेश हुआ है। America Me Cheen Ke
जिसके बाद से चीन की सांसे अटकी हुई सी नजर आ रही हैं । जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर एस प्रभाकर के अनुसार यदि यह विधेयक संसद में पास हो जाता है तो इस विधेयक की भारी कीमत चीन को चुकानी पड़ेगी। America Me Cheen Ke
यह भी पढ़ें
Shivsena Ke Mantri Sanjay Rathor Ne Diya Istifa , Kya Hai Wajah Padhein Poori Khabar
Kya Sach Me Ab Doodh Bikega 100 Rupaye Litre, Padhein Poori Khabar
Pradhanmantri Ne Lagwai Swadeshi Corona Vaccine , Logon Se Bhi Ki Lgwane Ki Apeel