अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस भी बेहद सतर्क है। पुलिस ने कई रास्ते भी बंद किए हुए हैं। कई जगहों पर धारा – 144 लगाई गई है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, सौरभ समेत कुछ नेता एक गाड़ी से कहीं जा रहे थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के एक अधिकरी ने उनकी गाड़ी रोक दी।
इसके बाद पुलिस और नेताओं में बहस शुरू हो गई। बता दे कि इस बीच आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने ऐलान किया है कि इस बार वह होली नहीं मनाएंगे। इसी बीच शनिवार दोपहर दिल्ली के सबसे बिजी चौराहे आईटीओ पर आप नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच एक झड़प देखने को मिली।
गाड़ी से घर जा रहे थे आप नेता
वीडियो में दिख रहा है कि दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और आदिल खान एक गाड़ी से कहीं जा रहे थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने उनकी गाड़ी रोक दी। इसके बाद पुलिस और आप नेताओं में बहस शुरू हो गई। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि आपको आगे नहीं जाने दे सकते हैं। इस पर आतिशी कहती हैं कि वह अपने घर जा रही हैं। इसके बाद अन्य नेता गाड़ी से उतरकर सड़क पर लेट जाते हैं और कहते हैं कि आप हमें गोली मार दीजिये।
दिल्ली पुलिस पर मंत्री आतिशी ने लगाए आरोप
इसके साथ ही आतिशी आरोप लगाती हैं कि दिल्ली पुलिस ने उनकी पार्टी कार्यालय के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। देश में लोकसभा चुनाव होने हैं और उनका कार्यालय ही बंद कर दिया गया है। बता दें कि आम आमदी पार्टी का कार्यालय दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर है। इसी मार्ग पर भारतीय जनता पार्टी का भी ऑफिस है। शुक्रवार को सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने इस मार्ग पर जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए थे। आम आदमी पार्टी के नेता इस बात का विरोध कर रहे हैं।
चुनाव आयोग से की जाएगी शिकायत
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाली दिल्ली पुलिस आप नेताओं को उनके आधिकारिक आवासों में जाने से भी रोक रही है। सौरभ भारद्वाज ने कहा, “आपने हमें पार्टी कार्यालय में जाने से रोक दिया है। आप चुनाव कैसे लड़ेगी ? किस कानून के तहत पुलिस को हमें नियंत्रित करने का अधिकार है ? भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा, ”हमने चुनाव आयोग से समय मांगा है। हम चाहेंगे कि चुनाव आयोग इस मामले पर एक तटस्थ एजेंसी के रूप में कार्रवाई करे।
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