कोलकाता : महाशिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का उत्सव है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और महाशक्ति का मिलन हुआ था। वहीं ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को भोलेनाथ दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। धार्मिक मान्यता यह है कि इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद भक्ति भाव और विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उन्हें किसी तरह का कोई भय नहीं रहता। विवाहित महिलाओं को अपने सौभाग्य में वृद्धि के लिए तथा अविवाहित कन्याओं को शीघ्र विवाह तथा गुणवान पति पाने की अभिलाषा के साथ इस दिन व्रत रखना तथा भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष रूप से लाभदायक होता है। शिवपुराण में वर्णित है कि भक्तिभाव से शिवलिंग पर अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए अलग-अलग फूल चढ़ाएं।
हरसिंगार एवं दूब
शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर हरसिंगार के फूलों से पूजा करने पर सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होती है वहीं भगवान शिव को हरी दूब अर्पित करने से बीमारी दूर होती है
दुपहरिया और कनेर
कनेर के पुष्पों से पूजा करने पर मनुष्य को उत्तम वस्त्रों की प्राप्ति होती है वहीं दुपहरिया के फूलों द्वारा पूजन करने से मनुष्य को तरह-तरह के आभूषण की प्राप्ति होती है।
कमल, बिल्बपत्र और शंखपुष्प
आर्थिक तंगी झेल रहे या फिर धन की इच्छा रखने वालों को कमल, बिल्वपत्र और शंखपुष्प से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। यदि एक लाख की संख्या में इन पुष्पों द्वारा भगवान शिव की पूजा संपन्न हो जाए तो सारे पापों का नाश होता है और लक्ष्मी की प्राप्ति हो जाती है।
बेला और चमेली
बेला के पुष्पों से पूजन करने पर भगवान शिव,विवाह करने की इच्छा रखने वालों को मनोनुकूल वर और वधू प्रदान करते हैं। चमेली के सुगन्धित पुष्पों से शिव की पूजा करके मनुष्य वाहनों को उपलब्ध करता है।
अलसी और शमीपत्र
अलसी के फूलों से महादेव जी का पूजन करने वाला व्यक्ति भगवान विष्णु को प्रिय होता है। शमीपत्रों से पूजन करके मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर लेता हैं ।वर्तमान ऋतु में पैदा होने वाले पुष्प यदि शिव की सेवा में समर्पित किए जाए तो वे मोक्ष देने वाले होते हैं।
जूही और सेदुआरि
जूही के फूलों से यदि भोलेनाथ की पूजा की जाए तो कभी घर में अन्न की कमी नहीं होती। सेदुआरि या शेफालिका के फूलों से शिव का पूजन किया जाए तो मन निर्मल होता है।
राई, बिल्वपत्र और अगस्त्य
राई के फूल चढ़ाने पर शत्रु परास्त होते हैं और एक लाख बिल्वपत्र चढाने पर मनुष्य अपनी सारी काम्य वस्तुएं प्राप्त कर लेता है। अगस्त्य के फूल से शिव पूजा करने पर पद, सम्मान मिलता है।
मदार और धतूरे के पुष्प
मदार के फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से मनुष्य के नेत्र और ह्रदय स्वस्थ्य रहते हैं वहीं धतूरे एवं इसके पुष्पों से भोलेनाथ की पूजा करने से विषैले जीवों से खतरा नहीं रहता।
Read More : गायत्री प्रजापति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता

