एस्ट्रो डेस्क : वैजयंती माला भगवान विष्णु और कृष्ण को बहुत प्रिय है। वैजयंती के फूल कुछ नीले और सफेद रंग के होते हैं। यह बहुत सुंदर दिखता है। इसके छोटे-छोटे बीज बहुत उपयोगी होते हैं। इनके बीजों से माला बनाई जाती है। ज्योतिष में वैजयंती माला के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। इस मज़ेदार और आसान दवा में जानें!
वज्रंती माला मन को शांति देती है। इसे धारण करने से मन शांत होता है। यदि मन में नकारात्मक भाव आ जाएं तो ऐसे लोगों को भगवान विष्णु के मंत्र से प्रेरणा लेकर सोमवार या मंगलवार को इस माला को धारण करना चाहिए ओम नमो भगवते बासुदेव।वैजयंती या मालाओ के बीजों को लक्ष्मी कारक भी माना जाता है। जिन लोगों के पास हमेशा पैसों की कमी रहती है या सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों की कमी रहती है, उन्हें वज्रंती की माला पहननी चाहिए। इससे लक्ष्मी प्रसन्न हुई।
वैजयंती की माला क्रोध को शांत करती है। जो व्यक्ति जल्दी क्रोधित हो जाता है वह स्वभाव से चिड़चिड़े स्वभाव का होता है। ऐसे लोगों को यह माला धारण करनी चाहिए। वैजयंती की माला व्यक्ति को मन की शांति और संतोष प्रदान करती है।
जो महिलाएं जीविकोपार्जन के लिए काम कर रही हैं उन्हें वज्रंती की माला पहननी चाहिए। यह उन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण, छात्रों के प्रति स्नेह और सम्मानजनक जीवन का लाभ देता है।जिन लड़कियों या युवकों के विवाह में देरी हो रही है, उन्हें भी गुरुवार या शुक्रवार को विशेष मंत्र का जाप करके वैजयंती की माला धारण करनी चाहिए। इससे बाल विवाह की संभावना बनेगी।
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वैजयंती की माला पहनने से लेखकों और कवियों को भी लाभ हुआ। मन में तरह-तरह के विचार अपने आप उठने लगते हैं।वैजयंती के कुछ दानों को लक्ष्मीजी के मन्त्र में सिद्ध कर अपनी दुकान के आँगन में या पूजा घर में रखने से घर का शुभ फल मिलता है। वैजयंती माला या आधार का उपयोग करने से पहले इसे भगवान विष्णु के कुछ मंत्रों के साथ धारण करना चाहिए। तभी उनका पूरा फल मिलता है। वज्रंती माला का अपमान अवश्य करें और हाथ धोते ही उसे छू लें।

