लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को केंद्रीय सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अलविदा की नमाज़ पहले से तय स्थानों पर होगी लाउडस्पीकर उतरवाने के बाद ईद को लेकर योगी सरकार का नया आदेश। किसी भी नए अथवा सार्वजनिक स्थान पर इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद सभी जिलों में सतर्कता बरतने के साथ पुलिस-प्रशासन को कड़े सुरक्षा इंतजाम करने को कहा गया है।
रमजान के महीने में शुक्रवार को प्रदेश में 31151 पहले से तय स्थानों पर अलविदा की नमाज अदा की जाएगी। इसके लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। नमाज के स्थानों तथा अन्य उतरवाने संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी मुकुल गोयल की तरफ से 46 कंपनी पीएसी व सात कंपनी केंद्रीय सशस्त्रत्त् पुलिस बल की तैनाती की गई है।
पहले समझिए ये लाउडस्पीकर की बात शुरू कब से हुई थी?
दरअसल 17 साल पहले 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर बजाने को लेकर आदेश दिया था। कोर्ट ने साफ किया था कि ऊंची आवाज यानी तेज शोरगुल सुनने के लिए मजबूर करना मौलिक अधिकार का हनन है। लाउडस्पीकर या तेज आवाज में अपनी बात कहना अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार में आता है
लेकिन ये आजादी जीवन के अधिकारी से ऊपर नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी इतना शोर करने का अधिकार नहीं है कि पड़ोसियों और दूसरे लोगों को परेशानी हो। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सार्वजनिक स्थल पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज क्षेत्र के लिए तय शोर के मानकों से ज्यादा नहीं होगी। जहां भी तय मानकों का उल्लंघन हो, वहां लाउडस्पीकर और उपकरण जब्त करने के बारे में राज्य प्रावधान करे।
Read More : रोजा इफ्तार के बाद अखिलेश ने भाजपा पर साधा निशाना, बुल्डोजर चलाने को लेकर कही ये बात