Friday, April 18, 2025
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भागेंगे नहीं, लड़ेंगे जम्मू-कश्मीर में जब भी चुनाव होंगे, लड़ेंगे…: फारूक अब्दुल्ला

डिजिटल डेस्क : नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी पार्टी जब भी जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ेगी, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश में चल रही परिसीमन प्रक्रिया पर एक महत्वपूर्ण रुख अपनाना जारी रखेगी। अब्दुल्ला ने अपने आवास पर आयोजित जम्मू-कश्मीर की पांच मुख्यधारा की पार्टियों के गुप्कर एलायंस (पीएजीडी) की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए यह घोषणा की। परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा के लिए पीएजीडी की बैठक बुलाई गई।

अब्दुल्ला ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे। इसमें तो कोई शक ही नहीं है। हम इससे भागेंगे नहीं लेकिन (परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट) हमें पीड़ा देती है। उन्होंने अपने आरोप को दोहराया कि यह भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था और इसका उद्देश्य वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की वैधता को साबित करना था।

‘अगर परिसीमन 2026 में होना था तो…’
पीएजीडी की बैठक के बाद, गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिग्मी ने कहा कि वे परिसीमन के खिलाफ नहीं थे जैसा कि 2026 में किया जाना था, लेकिन चल रही प्रक्रिया “असंवैधानिक” है क्योंकि यह जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत है। जिसे गठबंधन के घटकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

‘भाजपा को उम्मीद है कि परिसीमन के बाद…’
तारिगामी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, “हमारा स्टैंड यह है कि 5 और 6 अगस्त, 2019 को संसद में जो कुछ भी हुआ, वह असंवैधानिक है।” पीएजीडी के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा को उम्मीद है कि परिसीमन के बाद वह विधानसभा की अधिकांश सीटें जीत लेगी।

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‘जम्मू-कश्मीर को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?’
अब्दुल्ला ने दावा किया कि वह चाहते हैं कि विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित हो कि अगस्त 2019 में जो कुछ भी हुआ वह स्वीकार्य है। मुझे यकीन है कि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाकर कहेगा कि हो गया. नहीं तो परिसीमन आयोग की क्या जरूरत थी जब वर्ष 2026 में यह प्रक्रिया पूरे देश में करनी पड़ी। जम्मू-कश्मीर को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?

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