उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की रात अचानक अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है, लेकिन उनके इस अचानक से हुए ऐलान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। चूंकि मानसून सत्र शुरू हुआ है और आज पहला दिन ही बीता है और सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि अब राज्यसभा की अध्यक्षता कौन करेगा ? संविधान के मुताबिक, भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है और उसी की अध्यता में राज्यसभा का सत्र चलता है। लेकिन अब क्या होगा ?
कौन संभालेगा राज्यसभा का चार्ज ?
संविधान के मुताबिक अगर किसी कारणवश सत्र के बीच में उपराष्ट्रपति इस्तीफा देते है, वैसे ही राज्यसभा के सभापति की कुर्सी खाली हो जाती है। तो ऐसे में सत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था आवश्यक होती है। अनुच्छेद 89(1) के मुताबिक, राज्यसभा के उप सभापति, सभापति की अनुपस्थिति में सभी कार्यों की निगरानी करता है। जब राज्यसभा में अध्यक्ष मौजूद न हो, तो राज्यसभा के मौजूदा सत्र की जिम्मेदारी उप सभापति को सौंपी जाती है और वही सत्र सुचारू रूप से चलाते हैं।
सत्र के बीच में उपराष्ट्रपति का इस्तीफा बड़ी बात
अब अगर मौजूदा समय की बात करें तो राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह हैं, जो 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं। ऐसे में जब तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता और वो पदभार ग्रहण नहीं कर लेते, तब तक उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा की कार्यवाही को संचालित करेंगे। मानसून सत्र में कई अहम विधेयकों और बहसों की तैयारी है, ऐसे में सभापति की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, जो उपराष्ट्रपति होते हैं।
इससे पहले 2017 में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल पूरा होने और चुनाव से पहले कुछ दिनों के लिए सभापति की जिम्मेदारी उप सभापति के पास थी। लेकिन ऐसे वक्त में जब संसद का सत्र चल रहा हो, तब उपराष्ट्रपति का इस्तीफा देना एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है।
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