Friday, August 1, 2025
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कब है मकर संक्रांति? जानें महा पुण्य काल एवं धार्मिक महत्व

मकर संक्रांति का पर्व हिन्दू धर्म ​में ​विशेष महत्व रखता है. हर वर्ष जब सूर्य देव (Surya Dev) मकर राशि (Capricorn) में प्रवेश करते हैं, तो उसे सूर्य की मकर संक्रांति कहा जाता है. इस दिन से गुरु और सूर्य के प्रभाव में वृद्धि होने लगती है, जिससे मकर संक्रांति के दिन ही खरमास (Kharmas) का समापन होता है. उस दिन से ही मांगलिक कार्यों पर से लगी रोक हट जाती है.. शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि के लिए मुहूर्त देखे जाने लगते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन से सूर्य देव अपने सातों घोड़ों की मदद से चारों दिशाओं में भ्रमण करने लगते हैं और उनकेरथ से खर या गधे निकल जाते हैं. इस वजह से सूर्य की चाल तेज हो जाती है और खरमास खत्म हो जाता है. आइए जानते हैं कि नए साल 2022 में मकर संक्रांति कब है और उसका महा पुण्य काल कब है?

मकर संक्रांति 2022 तिथि एवं महा पुण्य काल
नए साल 2022 की मकर संक्रांति 14 जनवरी दिन शुक्रवार को है. इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है. 14 जनवरी को सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर होना है. मकर संक्रांति का पुण्य काल 03 घंटा 02 मिनट का है. यह दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर शाम 05 बजकर 45 मिनट तक है. मकर संक्रांति का महा पुण्य काल 01 घंटा 45 मिनट का है. यह दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शाम 04 बजकर 28 मिनट तक है.

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में लगभग 1 माह के लिए आते हैं. एक माह तक रहने के बाद सूर्य की कुंभ संक्रांति आती है. उस दिन सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं.

मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व
मकर संक्रांति के दिन से मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति से ही देवता का दिन 6 माह के लिए प्रारंभ हो जाता है. सूर्य के उत्तरायण की अवस्था को देवताओं का दिन कहा जाता है. मकर संक्रांति को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इस नदी पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने का महत्व होता है. ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन खिचड़ी और तिल के लड्डू खाने की परंपरा है.

14 जनवरी 2022 का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है. मकर संक्रांति के दिन दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक शुक्ल योग है, उसके बाद से ब्रह्म योग लग जाएगा.

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