Friday, November 22, 2024
Homeउत्तर प्रदेशकलेक्ट्रेट परिसर में ग्राम प्रधानों ने दिया धरना

कलेक्ट्रेट परिसर में ग्राम प्रधानों ने दिया धरना

अभिलाष: मिश्रा सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थनगर जिले के ग्राम प्रधानों ने कलेक्ट्रेट परिसर मे धरना दिया।राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के बैनर तले अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर  सैकड़ों की संख्या में ग्राम प्रधानों ने धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र भी जिलाधिकारी को सौंपा।धरने पर बैठे  संगठन के जिला अध्यक्ष पवन मिश्र ने मांगो के संबंध में बताया कि ग्राम पंचायतों में लागू मोबाइल मॉनीटरिंग की व्यवस्था को तत्काल समाप्त करना,

ग्राम प्रधानों का मानदेय 25000 प्रतिमाह किया जाना, ग्राम पंचायत के सरकारी भवनों में लगे विद्युत कनेक्शन का बिल संबंधित विभाग द्वारा जमा कराए जाने, बिना एनओसी के कोई भी कार्यदाई संस्था के ग्राम पंचायत में कार्य न करने,  ग्राम पंचायत में राशन वितरण पोषाहार वितरण ग्राम प्रधान की उपस्थिति में कराया जाना उनकी प्रमुख्य मांगो में शामिल है। पवन मिश्रा ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो सड़क से सदन तक करेंगे प्रदर्शन।

प्रधान संगठनों ने दिया धरना, सौंपा ज्ञापन

सिद्धार्थनगर। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन और अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने सोमवार को मांगों पर अमल नहीं होने के विरोध में अलग-अलग स्थानों पर धरना-प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने कलेक्ट्रेट और अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने विकास भवन परिसर में धरना दिया। मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा।

कलेक्ट्रेट परिसर में प्रधानों ने 25 सूत्रीय मांगों को पूरी नहीं होने के विरोध में प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष पवन मिश्रा ने कहा कि अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष ताकीब रिजवी, रीतेश दूबे, दिलीप पांडेय, गंगा मिश्रा, व्यास पांडेय आदि प्रधान मौजूद रहे।

वहीं, विकास भवन परिसर में अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष चंद्रमणि यादव की अध्यक्षता में छह सूत्रीय मांग को लेकर धरना दिया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रसेन राय ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के क्रम में मनरेगा योजना में 20 से अधिक श्रमिक नियोजन वाले स्थान पर प्रतिदिन श्रमिकों की मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम के माध्यम से उपस्थिति दो बार लेने का आदेश गलत है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क समस्या इसमें सबसे बड़ी बाधा है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या काफी खराब होने के कारण मनरेगा कार्य स्थल पर मजदूरी की हाजिरी मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम से नहीं हो पा रही है।

Read More : प्रशांत किशोर ने ठुकराया कांग्रेस का ऑफर

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments