Friday, October 31, 2025
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यूएसए-वेनेजुएला तनाव: मादुरो ने पेंटागन की तैनाती पर उतारी रूसी ब्रिगेड

अमेरिका और वेनेजुएला में तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देश अब युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। शुक्रवार को पेंटागन ने लैटिन अमेरिका में 10 हजार सैनिकों और करीब दर्जनों एयरक्रॉफ्ट कैरियर व युद्धपोतों की तैनाती करके युद्ध की आशंका को और बढ़ा दिया है। पेंटागन की इस तैयारी से काराकास के राष्ट्रपति पैलेस में हलचल मच गई है। अब जवाब में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रूसी हथियारों की तैनाती कर दी है। इससे दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है।

क्या अमेरिका कर देगा हमला ?

आपको बता दे लैटिन अमेरिका में जिस तरह से अमेरिका ने करीब 10000 सैनिकों की तैनाती के साथ अपने युद्धपोत, एयरक्रॉफ्ट कैरियर और परमाणु पनडुब्बियों की अचानक तैनाती बढ़ाई है। उससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई पेंटागन वेनेजुएला पर हमला कर देगा या फिर यह राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बढ़ाने की ट्रंप की कोई नई रणनीति है। ट्रंप ने लैटिन अमेरिका में सैन्य हलचलें तब बढ़ाई हैं। जब पिछले 3 दिनों में अमेरिका ने कैरेबियन सागर में कई तथाकथित ड्रग तस्करी वाली नावों को हवाई हमले में उड़ा दिया है। गत एक महीने में अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के नावों पर किए गए महले में 45 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने की बैठक

अमेरिका की युद्ध तैयारियों के जवाब में राष्ट्रपति मादुरो ने भी वार रूम में बैठक की और उन्होंने रूसी हथियारों की तैनाती का आदेश दे दिया। इससे कैरेबियन सागर में खलबली मच गई है। रूसी हथियारों के समूह ने कैरेबियन सागर को चारों ओर से घेरना शुरू कर दिया है। निकोलस मादुरो वेनेजुएला के लौह-इच्छाशक्ति वाला नेता माना जाता हैं। वह अपने सलाहकारों के साथ युद्ध कक्ष में बैठक कर रहे थे और इस दौरान खुफिया रिपोर्ट्स उनके सामने की स्क्रीन पर चमक रही थीं। इसमें पता चला कि पेंटागन ने कैरिबियन सागर में 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात कर दिए हैं।

पेंटागन की तैनाती पर भड़के राष्ट्रपति मादुरो

कैरेबियन सागर में 10 हजार अमेरिकी सैनिकों के अलावा कई विमानवाहक पोत, लड़ाकू जेट्स और मिसाइल डिस्ट्रॉयर्स सब कुछ वेनेजुएला के उत्तरी तट के सामने आ गए हैं। इस पर मादुरो ने गरजते हुए कहा, “यह नशे के बहाने है…वे हमारी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। ट्रंप का नया खेल है!” इस पर मादुरो के सलाहकार चुप थे। सेना प्रमुख जनरल रेमन ने कहा, “राष्ट्रपति, हमारे पास रूस से आए हथियार हैं। इनमें 5,000 इग्ला-एस एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें, एस-300 सिस्टम, टैंक्स और तोपें हैं, लेकिन अमेरिका की ताकत…” उनके मुंह से पूरी बात निकल पाती कि मादुरो ने अपनी मुट्ठी को जोर से टेबल पर पटका। बोले… “सभी! सभी रूसी हथियारों को तट पर भेजो। पेंटागन के सामने, उनके ठीक विपरीत कोस्ट पर। हम झुकेंगे नहीं।

राष्ट्रपति मादुरो के आदेश से मचा हड़कंप

मादुरो का सख्त आदेश जारी होते ही वेनेजुएला की सेना हरकत में आ गई। ला गुआइरा बंदरगाह से ट्रक और हेलीकॉप्टरों का काफिला निकल पड़ा। 22 वर्षीय युवा सैनिक कार्लोस एक ट्रक में मिसाइल लोड कर रहा था। उसके मन में डर और गर्व का मिश्रण था। “मां, अगर युद्ध हो गया तो?” उसने कल्पना में सोचा। रास्ते में बारिश हो रही थी, लेकिन सैनिकों की आंखों में आग थी। रूसी हथियार सागर की लहरों की तरह चमक रहे थे। कैरेबियन सागर के उत्तरी तट पर, मार्गरिता द्वीप के पास वेनेजुएला के हथियारों और सैनिकों की भी तैनाती शुरू हो गई।

वेनेजुएला ने किया सभी यूनिट को अलर्ट

तोपखाने की दहाड़ मिसाइल लॉन्चरों की चरमराहट के बीच अमेरिकी जहाज भी क्षितिज पर मंडराते दिख रहे हैं, जैसे विशालकाय छायाएं हों। इस बीच वेनेजुएला के जनरल रेमन ने रेडियो पर चिल्लाया सभी यूनिट्स अलर्ट ! कोई उल्लंघन बर्दाश्त नहीं। दूर से, पेंटागन के कमांडर ने अपनी स्क्रीन पर देखा कि वेनेजुएला का तट हथियारों से लबालब हो चुका है। पेंटागन का अधिकारी बड़बड़ाया और बोला यह पागलपन है। इधर कार्लोस पहरा दे रहा था। अचानक रडार पर सिग्नल मिला कि अमेरिकी ड्रोन करीब आ रहे हैं। तब सैनिकों का दिल धड़क उठा, लेकिन जनरल का आदेश आया कि चेतावनी दें, निशाना न लें। मिसाइल लॉन्चर घूमा, लेकिन फायर नहीं किया। जिससे अमेरिकी ड्रोन लौट गया।

संयुक्त राष्ट्र ने बातचीत की पेशकश की

वेनेजुएला और अमेरिका में तनाव को चरम पर पहुंचते देखकर संयुक्त राष्ट्र में भी खलबली मच गई। संयुक्त राष्ट्र ने अपने संदेश में दोनों पक्षों को बातचीत की पेशकश की। राष्ट्रपति मादुरो ने मुस्कुराते हुए कहा कि हमने अपना संदेश दे दिया। अब उनकी बारी। यह तनाव का खेल था, शक्ति का प्रदर्शन और जहां शब्दों से ज्यादा हथियार बोलते हैं। वेनेजुएला का तट अब किले जैसा हो चुका है। रूसी हथियारों की ढाल से सुरक्षित महसूस हो रहा है, लेकिन कार्लोस जानते हैं, शांति का रास्ता लंबा है। सूरज उगते ही, सागर शांत हो गया। लेकिन तूफान की आहट बाकी है। क्या यह युद्ध का आरंभ है, या कूटनीति की जीत अब ये समय ही बताएगा।

क्या है मामला ?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वेनेजुएला के प्रेसिडेंट निकोलस मादुरो पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह ड्रग तस्करों पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे। ट्रंप का कहना है कि वेनेजुएला के ड्रग तस्कर अमेरिकी पीढ़ियों को नशे के जाल में फंसाकर बर्बाद करना चाहते हैं। ट्रंप ने गत एक महीने में वेनेजुएला के कथित ड्रग तस्करों की नावों पर कैरेबियन सागर में ताबड़तोड़ मिसाइल हमले कराए हैं। इस कार्रवाई में अब तक 45 से ज्यादा तथाकथित ड्रग तस्कर मारे गए हैं। शुक्रवार को भी अमेरिका ने कैरेबियन सागर में एक ऐसी ही बोट पर हमला किया था, जिसमें 6 ड्रग तस्कर मारे गए थे। वहीं मादुरो का आरोप है कि राष्ट्रपति ट्रंप वेनेजुएला की सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं, इसलिए वह ऐसे आरोप लगा रहे हैं।

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