देश में बीते कुछ दिनों में जिस प्रकार बेमौसम बारिश हुई है, उसके बाद महंगाई से राहत की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। महंगाई ने वैसे ही आम लोगों की कमरतोड़ रखी है। वैसे भी तापमान में बढ़ोतरी का असर रबी फसलों पर देखने को मिला था तो मार्च महीने में बेमौसम बारिश ने रही सही कसर निकाल दी। आरबीआई को इंतजार था कि बेहतर रबी फसल के उत्पादन से महंगाई में कमी लाने में मदद मिलेगी। तो इसके चलते सख्त मॉनिटरी पॉलिसी से भी राहत मिलेगी। लेकिन बेमौसम बारिश ने आरबीआई और सरकार की चुनौती बढ़ा दी है।
उत्पादन में गिरावट की आशंका
बेमौसम बारिश का असर ये है कि गेहूं की कीमतों में गिरावट का सिलसिला थम गया है और उत्पादन में कमी की आशंका के बाद फिर से दामों में उछाल देखा जा रहा है। आने वाले समय में फल-सब्जियों की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। तो सरसों, चना, मसूर दाल की कीमतें भी बढ़ सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक 20 मार्च के बाद देश में औसतन 5 मिलीमीटर बारिश देखने को मिली है। जिसमें तेलंगाना में 23.4, आंध्र प्रदेश में 24.1, असम में 19.2 , पश्चिम बंगाल में 17.6 और झारखंड में 14.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। विदर्भ और महाराष्ट्र में 7.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। खासतौर से खेतों में खड़ी फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, और बेमौसम बारिश के 25 मार्च तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
खुदरा महंगाई दर अभी भी है ज्यादा
फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर में मामूली गिरावट आई है लेकिन ये अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड के ऊपर बना हुआ है। फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी रही है। जबकि जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी रही थी। फरवरी महीने में खाद्य महंगाई दर 5.95 फीसदी रही है। जनवरी में खाद्य महंगाई दर 6 फीसदी रही थी यानि जनवरी से फरवरी महीने में मामूली खाद्य महंगाई घटी है।
महंगाई से राहत पर फिर सकता है पानी
किसान रबी फसलों की कटाई की तैयारी में थे। खेत में रबी फसल लहलहा रहे थे। लेकिन बारिश और ओलों की वजह से रबी फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। खासतौर से गेहूं, सरसों, चना और मसूर दाल के फसल को नुकसान हो सकता है। ये उम्मीद जताई जा रही थी कि इस रबी सीजन में गेहूं के रिकॉर्ड पैदावार के बाद आम लोगों को महंगे आटा-गेहूं की कीमतों से राहत मिलेगी।
सरकार ने एफसीआई के जरिए ओपन मार्केट स्कीम के तहत गेहूं बेचा है। जिसके चलते जो गेहूं का औसत मुल्य एक फरवरी 2023 को 33.34 रुपये प्रति किलो था वो 20 मार्च को घटकर 29.65 रुपये प्रति किलो पर आ चुका है। यानि सरकार के इस कदम के बाद कीमतों में 10 फीसदी के करीब गिरावट आई है और तो और उम्मीद थी गेहूं की नई फसल जब मंडी में आएगी। तब कीमतों में और कमी आएगी। लेकिन बेमौसम बारिश इन उम्मीदों पर पानी फेर सकता है।
महंगाई नहीं घटी तो महंगी ईएमआई (EMI) से भी राहत नहीं
इस बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान का सही पता आने वाले दिनों में लग पाएगा। लेकिन इस नुकसान के दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे। खुदरा महंगाई दर में कमी नहीं आई। खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के नीचे नहीं आया, तो महंगे कर्ज से भी राहत नहीं मिल पाएगी।
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