Friday, June 27, 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव में चलने वाला है ट्रिपल M फैक्टर, जानें ये है क्या ?

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। हर पार्टी अपने चुनावी अभियान को धार देने में लगी हुई है। इस बार बीजेपी का फोकस महिला, मंदिर और मोदी यानी ट्रिपल M फैक्टर पर है। इस फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बीते कुछ दिनों में बिहार सरकार ने महिलाओं को लेकर कई बड़ी घोषणाएं भी की हैं। वहीं बीजेपी भी इसी फैक्टर को ध्यान में रखकर अपनी कुछ योजनाओं की तैयारी कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों से लेकर माता-सीता के भव्य मंदिर की घोषणा तक और इसके बाद राज्य में पेंशन, विवाह मंडप, त्योहारों पर बाहर रहने वाले लोगों को बुलाने समेत कई बड़े ऐलान हो चुके हैं। इनके जरिए बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर एक खास नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की है। वही अपने ऐलानों के जरिए एनडीए का फोकस अपने कोर वोटर्स को दुरुस्त करने के साथ ही लुभावने वादों के जरिए लोगों को अपने पाले में खड़े करने का है।

पीएम मोदी का आगामी बिहार दौरा

पीएम मोदी 15 जुलाई से 15 सितंबर के बीच बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में रैलियां करेंगे। दो महीने तक पीएम मोदी के चलने वाले इस मैराथन दौरे से पहले भी उन्होंने बिहार के मधुबनी, बिक्रमगंज और सिवान में जनसभाएं की है। अगले ढाई महीनों में 10 से ज्यादा बार अभी बिहार दौरे की योजना है। दूसरी तरफ सीतामढ़ी में माता सीता के भव्य मंदिर का ऐलान भी हो चुका है। जिसका डिजाइन सीएम नीतीश कुमार जारी कर चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह भी कई बार सीता माता के मंदिर का जिक्र कई बार अपनी जनसभाओं में कर चुके हैं।

बीजेपी का ट्रिपल M फैक्टर पर फोकस

इस बार बीजेपी का फोकस महिला, मंदिर और मोदी यानी ट्रिपल M फैक्टर पर है। आपको बता दे बीजेपी इसके जरिए मंदिर और महिला, दोनों वोटर्स पर फोकस कर रही है। महिलाएं खास तौर पर पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी और जेडीयू के साथ मजबूती से खड़ी रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कुछ योजनाओं का ऐलान भी किया है। सबसे पहले लंबे वक्त से चली आ रही एक बड़ी मांग को पूरा किया गया। बिहार सरकार ने विधवा, वृद्धा पेंशन की राशि 400 से बढ़ाकर 1100 रुपए करने का ऐलान किया।

बिहार सरकार की जीविका परियोजना

इसके बाद महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिहार सरकार ने जीविका परियोजना से जुड़े दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपये से ज्यादा के बैंक ऋण पर अब सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला, पहले ये राशि 10 फीसदी ब्याज पर थी। राज्य सरकार ने जीविका से जुड़े सभी कर्मियों के मानदेय में दोगुने की वृद्धि का फैसला लिया है। इन कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार खुद वहन करेगी।

गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम

इसके अलावा बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण ऐलान किया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना को मंजूरी दी गई और कहा गया कि इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के द्वारा किया जाएगा। यानी सरकार के इस फैसले के केंद्र में भी महिलाएं ही थीं।

महिलाओं को लेकर और भी घोषणाओं की संभावना

बीजेपी आगामी दिनों में महिलाओं को लेकर और भी घोषणाएं की जाए इसको लेकर कई और योजनाओं पर काम कर रही है। जिनकी घोषणाएं चुनाव के समय पर बीजेपी द्वारा की जा सकती हैं। पिछले कई राज्यों के चुनावों में देखा भी है कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को लेकर कई घोषणाएं भी की थीं। जिनका लाभ पार्टी को चुनावों में मिला और महिलाओं का अच्छा खासा वोट पार्टी को मिला।

इंडिया अलायंस का भी महिलाओं पर फोकस

इधर इंडिया अलायंस ने भी महिला मतदाताओं को साधने की कोशिशें तेज कर दी हैं। कांग्रेस और राजद ने महिलाओं के लिए 50% सरकारी नौकरियों में आरक्षण, मुफ्त स्कूटी और बालिका सुरक्षा निधि जैसी योजनाओं का एलान किया है। वे इस अभियान को ‘बेटी का भविष्य’ अभियान के नाम से चला रहे हैं और साथ ही मंदिर राजनीति पर पलटवार करते हुए इसे भावनात्मक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है। इंडिया अलायंस का दावा है कि असली मुद्दा रोजगार और महंगाई है।

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