भारत में माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस (एमएसएमई) ने रोजगार में बढ़ोतरी देखी है। जानकारी मिली है कि एमएसएमई जॉब्स ने 23 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है। इसकी जानकारी एमएसएमई मंत्रालय के माध्यम से मिली है, जिन्होने ऑफिशियल आंकड़े शेयर किए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि उद्यम पोर्टल पर रजिस्टर्ड 5.49 करोड़ एमएसएमई ने नवंबर 2024 तक 23.14 करोड़ जॉब्स जनरेट की हैं। बता दें कि पिछले साल अगस्त में 2.33 करोड़ एमएसएमई 13.15 करोड़ जॉब्स जनरेट की थी। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
15 महीने में 10 करोड़ नई नौकरियां
एमएसएमई के आंकड़ों से पता चला है कि केवल 15 महीनों में 10 करोड़ नई नौकरियां जनरेट की गई हैं। रजिस्टर्ड एमएसएमई की संख्या पिछले साल अगस्त में 2.33 करोड़ से बढ़कर अब 5.49 करोड़ हो गई है। इस टाइम लाइन में इन बिजनेस से जनरेट नौकरियों की संख्या 13.15 करोड़ से बढ़कर 23.14 करोड़ हो गई है। बता दें कि कुल एम्प्लॉयमेंट में उद्यम सर्टिफिकेट से सरकार के साथ रजिस्टर्ड 2.38 करोड़ इनफॉर्मल यूनिट ने 2.84 करोड़ नौकरियां जनरेट की हैं। इसके अलावा 5.23 करोड़ वुमन एम्प्लॉयमेंट भी शामिल हुई हैं। कुल रजिस्टर्ड यूनिट में से 5.41 करोड़ माइक्रो इंटरप्राइज हैं। वहीं स्मॉल एंटरप्राइजेज 7.27 लाख और मीडियम एंटरप्राइजेज केवल 68,682 हैं।
एमएसएमई को बजट में मिली प्राथमिकता
इसके साथ ही बजट में भी एमएसएमई को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। क्योंकि उनमें बड़ी संख्या में रोजगार जनरेट करने की क्षमता है। यूनियन बजट 2024-25 में एमएसएमई मंत्रालय को 22,137.95 करोड़ रुपये अलॉट किए गए, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 41.6% ज्यादा रहा। इसके अलावा एमएसएमई को सपोर्ट करने के लिए बजट में कई इनीशिएटिव शामिल किए जाते हैं। सरकार लोगों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए लोन देती है। ऐसी बहुत सी स्कीम हैं, जिसमें बिना किसी कोलैटरल या थर्ड पार्टी गारंटी के आप लोन लेकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
बजट में एमएसएमई के लिए डिजिटल चेज के महत्व को भी मान्यता दी गई, जिसमें 6% एमएसएमई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर एक्टिव बिजनेस कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने बताया है कि एक नई योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत एमएसएमई को मशीनरी और टूल्स की खरीद के लिए बिना किसी कोलैटरल और गारंटी के टर्म लोन की सुविधा मिलेगी। यह गारंटी फंड 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी देगा।
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