Friday, June 27, 2025
Homeदेशबीएसएफ का अधिकार क्षेत्र तो बढ़ा, अब गाइडलाइन का है इंतजार

बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र तो बढ़ा, अब गाइडलाइन का है इंतजार

डिजिटल डेस्क  : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में 3 राज्यों पंजाब, असम और प​श्चिम बंगाल में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 कि.मी. से बढ़ाकर 50 कि.मी. तक किया गया। इसे लेकर कई तरह के राजनीतिक बयान सामने आ रहे हैं और पंजाब व पश्चिम बंगाल की सरकारें इसका विरोध भी जता रही हैं। इधर, पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां बीएसएफ के अधिकारी अब केंद्र से एक विस्तारित गाइडलाइन मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि अभी से ही बीएसएफ के पास ये पावर है कि राज्य के 50 कि.मी. तक के इलाके में जाकर किसी भी तरह की कार्रवाई कर सकते हैं।

क्या है अधिकार क्षेत्र बढ़ने का मतलब

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया है। इसका मतलब ये है कि अब बीएसएफ के अधिकारी किसी सूचना के आधार पर राज्य की सीमा से 50 कि.मी. तक के इलाके में जाकर कोई कार्रवाई कर सकते हैं। किसी को गिरफ्तार करना हो, कहीं छापेमारी करनी हो या फिर कोई और कार्रवाई करनी हो, अब 50 ​कि.मी. तक के इलाके में जाकर बीएसएफ के अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं। पहले यह सीमा केवल 15 ​कि.मी. थी।

देश को होगा फायदा, अब गाइडलाइन का इंतजार

बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सन्मार्ग से कहा, ‘हम चाहें तो अभी से ही 50 कि.मी. तक के इलाके में कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल केंद्र से एक विस्तारित गाइडलाइन मिलने का हम इंतजार कर रहे हैं। अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने से देश को फायदा होगा।’

इन एक्ट के इस्तेमाल से कर सकते हैं कार्रवाई

वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी के अनुसार, ‘कभी सीमा पर किसी अपराधी को पकड़ने की कोशिश करने पर या फिर पकड़ने पर वह आंतरिक इलाके में चला जाता है जिससे बीएसएफ को समस्या होती थी। हालांकि अब केंद्र सरकार ने सीआरपीसी एक्ट आर्म्स् एक्ट, कस्टम एक्ट के तहत बीएसएफ को 50 कि.मी. तक कार्रवाई करने का अधिकार दिया है।’

कुछ इस तरह हाेगी प्रक्रिया

किसी अपराधी को पकड़ने के बाद बीएसएफ के अधिकारी उसे पुलिस के हवाले कर देंगे जिसके बाद पुलिस उसे कोर्ट में पेश करेगी। हालांकि अगर बीएसएफ के अधिकारियों को कोई मामला बड़ा लगेगा तो उसे केंद्रीय जांच एजेंसी के हवाले भी किया जा सकता है।

इस कारण लिया गया निर्णय

बीएसएफ अधिकारी ने बताया, ‘ये बिल्कुल सोच-समझकर लिया गया फैसला है। ड्रोन के माध्यम से तस्करी की जाती है, हथियार लाये जाते हैं। ड्रोन की रेंज 40 से 50 कि.मी. तक जा सकती है, अब बीएसएफ के अधिकारी उसका पीछा कर सकते हैं। इस तरह बॉर्डर मैनेजमेंट सटीक ढंग से हो पायेगा। इसके अलावा अगर सीमा के 50 कि.मी. तक के इलाके में कहीं अपराधियों के गोदाम का पता चलता है तो वहां भी बीएसएफ के अधिकारी छापेमारी कर सकते हैं।’

नहीं लगेगा अतिरिक्त बल, नहीं बनेगा कोई पोस्ट

बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र जरूर बढ़ाया गया है, लेकिन कार्रवाई के लिए बीएसएफ को अतिरिक्त बल की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा 50 कि.मी. तक के इलाके में कोई पोस्ट भी नहीं बनाया जाएगा और ना ही बीएसएफ द्वारा पेट्रोलिंग की जाएगी। हम केवल विशिष्ट सूचना के आधार पर ही कार्य करेंगे। हमारी ड्यूटी सीमा पर ही होगी, सीमा के संसाधनों को हम कहीं और इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए किया सस्पेंड

बेवजह उछाला जा रहा है मुद्दा

वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने बताया, ‘बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने को लेकर पूरी प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य है और इस मुद्दे को बेवजह केवल कुछ राजनीतिक पार्टियां उछाल रही हैं। इसके विरोध में बयानबाजी कर असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ाया जा रहा है और सीमा पर ड्यूटी करने वाले बीएसएफ का मनोबल तोड़ा जा रहा है। हमें ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि हम केवल देश के बारे में सोचते हैं, किसी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध या गठजोड़ हमारा नहीं होता। राजनीतिक पार्टियां तो बदलती रहती हैं, लेकिन हमारा काम देश की सुरक्षा करना है।’

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments