डिजिटल डेस्क: COVID-19 महामारी अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। तो राहत का पता अभी बीस पानी में बाकी है। कोविड की एक नई प्रजाति ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की नींद उड़ा दी है। अधिक विशेष रूप से, एक नया संस्करण, ‘AY.4.2’, कोविद की भयानक डेल्टा प्रजातियों में उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप बनाया गया था। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह उत्परिवर्ती अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक रूप से खतरनाक है। ब्रिटेन में इसके भाग्य का मिलान पहले ही हो चुका है। हालांकि, आगे की चिंता भारत में इस प्रजाति की खोज है।
मालूम हो कि इस प्रजाति के हमले से ब्रिटेन में कोरोना के मामलों की संख्या 50,000 से ज्यादा हो गई है. इस म्यूटेंट के भविष्य को लेकर ब्रिटेन ने पूरी दुनिया को आगाह कर दिया था। लेकिन नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट में पाया गया कि डेल्टा प्रजाति का यह नया म्यूटेंट, ‘AY.4.2’, इंदौर में कई कोविद संक्रमणों के नमूनों में पाया गया था।
भारत में पहले से ही सात लोग इस प्रजाति से संक्रमित हैं। ये सभी सेना के अधिकारी माने जाते हैं। इससे भी ज्यादा भयावह बात यह थी कि उन्होंने दो रुपये कोविड से लिए थे। सभी स्पर्शोन्मुख थे। इतना ही नहीं। भारत में इंदौर के अलावा यह प्रजाति महाराष्ट्र के 1 फीसदी हिस्से में पाई गई है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रजाति डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक है। डेल्टा और डेल्टा प्लस मूल डेल्टा प्रजातियों (अल्फा, बीटा) की तुलना में कहीं अधिक संक्रामक हैं। वे भी बदल गए हैं। दो नए वायरस A222V और Y145H हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि इस नई प्रजाति ने शोधकर्ताओं और चिकित्सकों की चिंता बढ़ा दी है।