Tuesday, October 21, 2025
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दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखों को सुप्रीम कोर्ट की सशर्त मंज़ूरी

दीवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटा दी और पटाखे जलाने की भी इजाजत दी है। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा कि कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एमिकस क्यूरी के सुझावों पर विचार किया। जिसमें उन्होंने त्योहार पर पटाखा उत्पादकों और लोगों को यह राहत देने की सिफारिश की थी।

सीजेआई गवई ने कहा कि ग्रीन पटाखों के अलावा दूसरे पटाखों की तस्करी चिंता का विषय है। हमें संतुलित रवैया अपनाना होगा। कोर्ट ने कहा कि हरियाणा के 14 जिले एनसीआर में हैं यानी राज्य का 70 प्रतिशत हिस्सा पटाखे पर रोक से प्रभावित है। पिछली सुनवाई में एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से आग्रह किया था कि लोगों को त्योहार पर पटाखे जलाने की इजाजत दी जाए।

पटाखा उत्पादकों ने भी दलील दी थी कि पराली जलाने और वाहनों के प्रदूषण पर ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन सिर्फ पटाखों को निशाना बनाया जा रहा है। कोर्ट ने भी सरकार से पूछा था कि क्या साल 2018 में पटाखों पर बैन के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में कमी आई है। तो कोर्ट को बताया गया कि कुछ खास असर नहीं पड़ा है।

कौन बेच सकता है पटाखे ?

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पटाखों पर रोक से दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। हमें उत्सव की भावना और पटाखा उद्योग से जुड़े लोगों के हित का भी ध्यान रखना होगा। एनसीटी और केंद्र सरकार ने भी कोर्ट से पटाखों को लेकर रियायत का अनुरोध किया था। हालांकि, पटाखों की बिक्री की छूट सिर्फ उन्हीं उत्पादकों को मिली है। जिनके पास नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) का लाइसेंस है।

नियमित जांच करेगा गश्ती दल

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने 14 अक्टूबर 2024 के आदेश का हवाला दिया। जिसमें दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। जिसे पूरे एनसीआर में लागू कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि हमें संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा। हरित पटाखों के क्यूआर कोड वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। सीजेआई ने कहा कि गश्ती दल ग्रीन पटाखा निर्माताओं की नियमित जांच करेगा।

किस समय तक पटाखे जलाने की इजाजत ?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नीरी से लाइसेंस्ड उत्पादकों को 18 से 20 अक्टूबर तक सीमित स्थानों पर पटाखा बेचने की इजाजत है। सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोलिंग टीम को निगरानी करने का भी निर्देश दिया और कहा कि सैंपल की जांच की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यूआर (QR) कोड वाले पटाखे बेचें और गलत पटाखे बेचने वाले पर कार्रवाई हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि दीवाली से पहले वाले दिन और दीवाली वाले दिन सुबह 6 से 7 तक और शाम में 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने की इजाजत है।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

वही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनसीआर के प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिवाली के बाद प्रदूषण पर रिपोर्ट देने को कहा है। दिल्ली-एनसीआर के बाहर से लाकर कोई भी पटाखा यहां नहीं बेचा जा सकेगा और अगर ऐसा पाया गया तो विक्रेताओं का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की तस्करी की जाती है और ये हरित पटाखों की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।

दिल्ली में बढ़ रहा है वायु प्रदूषण

बता दें कि सर्दियों के आगमन के साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगभग तीन महीने के बाद ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 211 दर्ज किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में पिछली बार 11 जुलाई को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया था। उसके बाद से मानसून की बारिश के कारण शहर में प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आयी थी। लेकिन मौसम के बदलते मिजाज और सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने लगा है।

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