आईआईटी (IIT) मद्रास भारत के सबसे बढ़िया तकनीकी संस्थानों में आता है। इस संस्थान में एडमिशन और पढ़ाई के लिए छात्र जबरदस्त मेहनत करते हैं और साथ ये भी कहा जाता है कि आईआईटी (IIT) से पासआउट छात्र जीवन में कभी फेल नहीं हो सकता है। लेकिन पिछले कुछ समय से छात्र यहां पढ़ाई के दौरान ही मौत के मुंह में समा रहे हैं। छात्र यहां खूब मेहनत करके अपने और देश के भविष्य बनाने का सपना देखते हैं। लेकिन छात्रों की मौत की खबर से हर कोई सकते में है। यहां छात्रों की मौत के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।
कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र ने की आत्महत्या
शुक्रवार 21 अप्रैल की शाम को खबर आई कि आईआईटी (IIT) मद्रास के एक और छात्र की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि शुरूआती जांच में यह मामला आत्महत्या का लगता है। हालांकि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के अनुसार मृतक छात्र आईआईटी (IIT) मद्रास से कैमिकल इंजीनियरिंग में दूसरे वर्ष का छात्र था और वह महाराष्ट्र का रहने वाला था। अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ़ हो जाता है कि छात्र ने आत्महत्या की है तो इस साल में अब तक इस तरह आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर 4 हो जाएगी।
पहला आत्महत्या का मामला तब आया सामने
वहीं इससे पहले 1 अप्रैल को भी आईआईटी (IIT) मद्रास से पीएचडी कर रहे सचिन कुमार जैन का शव फांसी के फंदे से लटका मिला था। बताया जा रहा है कि छात्र ने मरने से पहले अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर ‘आई एम सॉरी, नॉट एनफ’ का मैसेज लिखा, जिसे देखकर उसके साथी छात्र घबरा गए। जब तक वे उसके पास पहुंचते हैं तो वह छात्र उसे उसके घर के डाइनिंग हॉल में फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाते हैं।
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