उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुसाइड करने का मामला नहीं थम रहा है। गुरुवार को सीआरपीएफ जवान ने रिवाल्वर से गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। इस मामले की जांच में पुलिस जुटी ही थी, कि शुक्रवार को एक और सुसाइड का मामला सामने आ गया है। लखनऊ के मौलवीगंज इलाके में समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता और अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना उनके घर पर घटी। उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से यह कदम उठाया गया।
सपा नेता मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष रह चुके थे और अपनी सामाजिक सक्रियता के लिए जाने जाते थे। हाल के वर्षों में वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, जो उनकी आत्महत्या की वजह बनी। उनके निधन से न केवल पार्टी बल्कि पूरे क्षेत्र में गम और सदमे का माहौल है। अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने इस दुखद घटना पर शोक जताया है।
बीमारी ने तोड़ा हौसला
पिछले कुछ वर्षों से सपा नेता मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। इस कठिन दौर ने न केवल उनके शरीर को कमजोर किया बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। बीमारी से उपजी मानसिक और शारीरिक पीड़ा ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया था। परिवार और पार्टी के करीबी सूत्रों के अनुसार, बीमारी के चलते उनका आत्मविश्वास और जीवटता कमजोर हो गई थी।
समाज के लिए समर्पित नेता थे मुजीबुर्रहमान
सपा नेता मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू को उनके सामाजिक और राजनीतिक कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। लखनऊ के मौलवीगंज निवासी होने के नाते उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए कई सराहनीय कार्य किए। सपा नेता मुजीबुर्रहमान समाज के हर वर्ग से जुड़ने और उनकी समस्याओं को सुलझाने में हमेशा तत्पर रहते थे। उनकी सामाजिक सेवा की भावना और सादगी ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाया।
मुजीबुर्रहमान की मौत ने फिर खड़ा किया बड़ा सवाल
उनकी आत्महत्या की खबर ने लखनऊ के मौलवीगंज इलाके और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को स्तब्ध कर दिया। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुजीबुर्रहमान उर्फ़ बबलू का योगदान पार्टी और समाज के लिए अविस्मरणीय है। समाजवादी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शोक संदेश साझा किए गए। मुजीबुर्रहमान बबलू की मृत्यु ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों को किस प्रकार की मानसिक और सामाजिक सहायता मिलनी चाहिए। उनके परिवार, पार्टी और क्षेत्र के लोग उनकी कमी को हमेशा महसूस करेंगे। उनके द्वारा किए गए कार्य उनकी याद में हमेशा जीवित रहेंगे।
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