मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को देखकर ठाकरे गुट पर ’50 खोके एकदम ओके’ का नारा लगाने का आरोप है | महाराष्ट्र में शिवसेना दो गुटों में बंट गई है – एक गुट में उद्धव ठाकरे का है तो दूसरा गुट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का है | वर्तमान में राज्य में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट और भारतीय जनता पार्टी की सरकार है | इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठी में मातोश्री पर आए शिवसैनिकों को संबोधित किया है |
उन्होंने कहा कि जनता की भावना हमारे साथ है | जनता चुनाव की राह देख रही है कि कब चुनाव आएंगे और हम इन गद्दारों को सबक सिखाएंगे | महाराष्ट्र में जब से नई सरकार का गठन हुआ है,तभी से सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार की घटना सामने आ रही है। इस बीच मानसून सत्र के पांचवें दिन विधानमंडल बाहर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवा वाले गुट और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। हाल में राज्य विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है. इस दौरान विवाद में अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी एंट्री मारी है |
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे यहां कार्यकताओं की निष्टा के खोके आ रहे हैं| इन खोकों के अंदर क्या है, इसे खोलकर देखना चाहिए | आपको बता दें कि पिछले चार दिनों में विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की थी। इसके खिलाफ भाजपा के विधायक बुधवार सुबह से ही धरना दे रहे थे। इन विधायकों ने कोविड भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी बैनर लगाए। रोहित पवार और अमोल मितकारी के नेतृत्व में विपक्ष के विधायक उन्हें जवाब देने के लिए पहुंचे। वे भी तख्तियां लेकर नारेबाजी करने लगे।यह सब चल ही रहा था कि सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों के विधायकों के आक्रामक होने पर हाथापाई हो गई।
आला रे आला, गद्दार आला
इस मौके पर विपक्ष के विधायकों ने ‘गाजर देना बंद करो, सूखा घोषित करो’ जैसे नारे लगे। मानसून सत्र के पहले चार दिनों के दौरान महाविकास अघाड़ी के विधायकों ने विधानमंडल की सीढ़ियों पर अपनी नारेबाजी से सबका ध्यान खींचा था। महाविकास अघाड़ी ने ‘आला रे आला, गद्दार आला’, ’50 खोखे एकदम ओके’,चलो चले गुवाहाटी’ जैसे नारों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह और भाजपा को परेशान कर दिया था। इससे सत्ता पक्ष के विधायक दुविधा में थे ।
महाविकास अघाड़ी के विधायकों की तरह भाजपा विधायक बुधवार को भी विधानमंडल की सीढ़ियों पर बैठ गए। इन विधायकों ने महाविकास अघाड़ी के ’50 खोके-ओक्के’ का करारा जवाब दिया। भाजपा के इन विधायकों ने बैनर लगाए। एनसीपी नेता अमोल मितकारी गुस्से में सत्ताधारी विधायकों पर दौड़ते नजर आए। इससे विधानसभा परिसर में भारी हंगामा हुआ। अंत में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने हस्तक्षेप किया और विपक्षी विधायकों को एक तरफ ले गए। इसके बाद मामला शांत हुआ।
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