हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी (Basant Panchami) मनाते हैं. वसंत पंचमी के दिन ही सरस्वती पूजा होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान, वाणी, कला एवं संगीत की देवी मां सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी. ब्रह्म देव ने जब सृष्टि की रचना की तो, चारों ओर सन्नाटा पसरा था. तब उनको वाणी एवं कला की देवी की कमी महसूस हुई, फिर उन्होंने माता सरस्वती का आह्वान किया. वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती कमल पर विराजमान होकर हाथों में वीणा-पुस्तक धारण किए हुए प्रकट हुई थीं. तब से हर साल वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा की जाने लगी. आइए जानते हैं कि इस वर्ष सरस्वती पूजा कब है और मुहूर्त क्या है?
सरस्वती पूजा 2022 मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी तिथि 05 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रही है, यह 06 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 46 मिनट तक है. वसंत पंचमी की उदयातिथि 05 फरवरी दिन शनिवार को प्राप्त हो रही है. इस वर्ष वसंत पंचमी 05 फरवरी को है और सरस्वती पूजा भी इस दिन शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी.
इस वर्ष वसंत पंचमी के दिन सिद्ध योग शाम 05:42 बजे तक है, फिर साध्य योग प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में सरस्वती पूजा सिद्ध योग में मनाई जाएगी. सरस्वती पूजा को रवि योग शाम 04 बजकर 09 मिनट से अगले दिन प्रातकाल तक रहेगी.
05 फरवरी को सरस्वती पूजा का मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप स्कूल या घर में मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं.
सरस्वती पूजा पर विद्या आरंभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सरस्वती पूजा के दिन बच्चों की विद्या आरंभ कराने से उनका मानसिक विकास तेज होता है और उन पर माता सरस्वती की कृपा होती है. इस दिन बच्चों को अक्षर ज्ञान कराने की परंपरा है. सरस्वती पूजा के दिन आप कोई नई कला, संगीत या गायन का प्रारंभ कर सकते हैं.
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माता सरस्वती का बीज मंत्र
ओम ऐं ऐं ऐं महासरस्वत्यै नम:
सरस्वती पूजा के दिन आप माता सरस्वती के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं. इससे माता सरस्वती प्रसन्न होंगी और आपको आशीष देंगी.