डिजिटल डेस्क : रूस ने यूक्रेन में भारी तबाही मचाई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अमेरिका और NATO देशों से ये उम्मीद जताई थी कि रूस के खिलाफ जंग में वो उनकी मदद करेंगे, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन में सेना भेजने से इनकार कर दिया। जेलेंस्की ने बयान जारी कर अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, ‘दुनिया ने हमें जंग में लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया है।’
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूसी हमले के पहले दिन के आखिर में राष्ट्र के नाम एक वीडियो में कहा, ‘हमें अपने राज्य की रक्षा के लिए अकेला छोड़ दिया गया है। यूक्रेन अब अपने दम पर रूस के साथ जंग लड़ेगा। हमारे साथ लड़ने के लिए कौन तैयार है? मुझे कोई नहीं दिख रहा है। यूक्रेन को NATO सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? हर कोई डरता है।’
हमले में यूक्रेन के 137 नागरिक मारे गए
जेलेंस्की ने कहा, ‘ज्मीनई द्वीप की रक्षा करते हुए बॉर्डर पर तैनात यूक्रेनी सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया। वे शहीद हो गए, लेकिन उन्होंने रूसी सेना के आगे सरेंडर नहीं किया। दुर्भाग्य से, आज हमने अपने 137 नागरिकों समेत 10 सैन्य अधिकारियों को खो दिया। उन सभी को मरणोपरांत यूक्रेन के हीरो की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। यूक्रेन के लिए अपनी जान देने वालों को हमेशा याद किया जाए।’
रूस ने यूूक्रेन को टारगेट नंबर-1 बनाया
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि रूसी सैनिकों ने कीव में प्रवेश करने के बाद काफी तबाही मचाई, तोड़फोड़ की। इसके बावजूद हमने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया है। जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं राजधानी में रहता हूं, मेरा परिवार भी यूक्रेन में है, मेरे बच्चे यूक्रेन में हैं। मेरा परिवार देशद्रोही नहीं है, वे यूक्रेन के नागरिक हैं। वे वास्तव में कहां हैं, मुझे यह कहने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे पास जो जानकारी है, उसके अनुसार दुश्मन ने मुझे टारगेट नंबर-1 और मेरे परिवार को टारगेट नंबर 2 के तौर पर मार्क किया है।’
दूसरे दिन भी धमाकों से दहला यूक्रेन
दूसरे दिन भी रूस ने यूक्रेन को धमाकों से दहला दिया है। यूक्रेन की राजधानी कीव में शुक्रवार सुबह कई धमाके सुने गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के पूरी सेना को युद्ध में उतारने का ऐलान किया है। यूक्रेन ने दावा किया है कि उनकी फोर्सेस ने 800 से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार गिराया है। 30 रूसी टैंक और 7 जासूसी एयरक्राफ्ट को भी तबाह कर दिया है।
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यूक्रेन सरकार ने 18 से 60 साल के पुरुषों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यूक्रेन ने अपने 10 हजार नागरिकों को मुकाबले के लिए राइफलें दी हैं।