ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान में सीजफायर कराने का क्रेडिट लेने की डोनाल्ड ट्रंप की होड़ के बीच पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति से पहली बार बात हुई। 35 मिनट की फोन कॉल में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाते हुए डोनाल्ड ट्रंप को साफ कर दिया कि भारत को अमेरिका के साथ ट्रेड डील का लालच नहीं है और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र ने डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा। ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। पीएम मोदी ने आतंकवाद की लड़ाई में स्पष्ट रूप से डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि भारत किसी भी ट्रेड डील का सहारा नहीं लेगा और भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
सीजफायर कराने का दावा करते रहे ट्रंप
22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद 6 मई की रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसके बाद 7 मई को बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की और फिर भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की। 3 – 4 दिन चली लड़ाई के बाद पाकिस्तान के आग्रह पर दोनों देशों ने सीजफायर का फैसला किया। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप बार-बार ये कहते हुए नजर आए थे कि उन्होंने सीजफायर के लिए भारत और पाकिस्तान की मध्यस्थता करवाई।
ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का दिया न्यौता
डोनाल्ड ट्रंप ने उस वक्त यह भी बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा है, ‘मैं तुम्हें बहुत ट्रेड दूंगा, युद्ध खत्म कर दो। पीएम मोदी 17 जून को G-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा गए थे। यहां उनकी सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होनी तय थी। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप सम्मेलन पूरा होने से पहले ही वापस लौट आए। जिसकी वजह से यह मुलाकात नहीं हो सकी। इसलिए उन्होंने अब पीएम मोदी को फोन करके अमेरिका आने का न्यौता दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री का पहले से ही कनाडा से वापसी में क्रोएशिया का दौरा शेड्यूल है।
35 मिनट ट्रंप से हुई पीएम मोदी की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई। बातचीत लगभग 35 मिनट चली। विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से यह भी साफ कहा 7 – 10 मई के बीच न तो भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बात हुई और न ही भारत और पाकिस्तान की लड़ाई खत्म करवाने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता पर किसी भी स्तर पर कोई बात हुई।
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