Tuesday, September 16, 2025
Homeधर्ममंगलवार 22 फरवरी, 2022 का पंचांग

मंगलवार 22 फरवरी, 2022 का पंचांग

मंगलवार 22 फरवरी, 2022 का पंचांग
आज का पंचांग
वार: मंगलवार

पक्ष : कृष्ण पक्ष

तिथि :- कृष्ण षष्ठी – 18:35:0 तक

तिथि विशेष: नंदा तिथि – सारांश : निर्माण कार्य तथा घर व अचल संपत्ति से सम्बंधित गतिविधियों के लिए अनुकूल।

नक्षत्र: स्वाति – 15:36:54 तक

नक्षत्र स्वामी: राहु

नक्षत्र देवता: वायु

नक्षत्र विशेष: 0

योग: वृद्धि – 10:52:25 तक

योग विशेषता : शुभ योग है, शुभ कार्यों को करने के लिए अच्छा है।

योग का अर्थ : (विकास) – बुद्धिमान, अवसरवादी और सूक्ष्मदर्शी; आयु के साथ जीवन में लगातार सुधार होता है।

करण: गर – 7:16:48 तक,

करण देवता : वासुदेव

करण विशेषता: यह पशुपालन कार्य, मवेशी व्यापार, डेयरी व्यापार, चारा व्यापार, खेत की जुताई, वास्तु कर्म या मकानों, भवनों तथा अन्य समान परियोजनाओं के कार्य के लिए अनुकूल है।

सूर्य, चन्द्र गणना
सूर्योदय: 6:53:15

सूर्यास्त : 18:15:40

वैदिक सूर्योदय: 6:57:12

वैदिक सूर्यास्त : 18:11:43

चंद्रोदय: 23:56:5

चंद्रास्त : 10:16:54

चंद्र राशि : तुला

सूर्य राशि: कुम्भ

दिशा शूल : उत्तर

नक्षत्र शूल चंद्र निवास : पश्चिम

हिन्दू मास एवं वर्ष
शक संवत : प्लव 1943

मास अमांत: माघ

विक्रम संवत: आनंद 2078

मास पूर्णिमांत: फाल्गुन

ऋतु : शिशिर

अयन : उत्तरायण

अशुभ मुहूर्त
राहु कालं : 15:25:04 से 16:50:22 तक

गुलिकालं : 12:34:28 से 13:59:46 तक

यंमघन्त कालं : 09:43:52 से 11:09:10 तक

 

शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त : 12:12 से 12:56 तक

क्या है पंचांग ?
पंचांग, (Panchang) पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.

पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.

पंचांग की जरुरत ?
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ – अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.

Read  More :  गायत्री प्रजापति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता

पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments