यूपी में सड़क किनारे रात भर गाड़ी पार्क करने वालों की जेब पर फटका लगने वाला है। नगर विकास विभाग अब पार्किंग के लिए शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहा है। प्रति रात 100 रुपये, साप्ताहिक 300 रुपये, मासिक 1 हजार रुपये और सालाना 10 हजार रुपये का शुल्क लिया जाएगा। बिना परमिट गाड़ी पार्क करने वालों से तीन गुना शुल्क लिया जाएगा। नगर निगम के इलाके में आने वाली सड़कों और स्थानों पर रात्रिकालीन पार्किंग शुल्क की व्यवस्था लागू की जाएगी। नगर विकास विभाग ने इस पर आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। इसके बाद इसे कैबिनेट के मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। रात्रिकालीन पार्किंग का समय रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक का रहेगा।
बड़ी संख्या में अवैध पार्किंग चला रहे ठेकेदार
गौरतलब है कि यूपी में बड़ी संख्या में अवैध पार्किंग ठेके चल रहे हैं। पार्किंग के लिए शासन स्तर पर स्पष्ट नीति न होने की वजह से इन पर काबू पाना मुश्किल हो गया है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी क्षेत्रों में सुनियोजित पार्किंग के लिए नगर विकास विभाग से नीति लाने का निर्देश दिया था। इसके बाद नगर विकास विभाग ने पार्किंग शुल्क लगाने संबंधी फैसला लिया है।
आबादी के हिसाब से पार्किंग शुल्क
नगर विकास विभाग का मानना है कि नई पार्किंग नीति से आय में भारी इजाफा होगा। नगर निगमों में पार्किंग ठेकों में बड़ी कंपनियां भी टेंडर डाल सकेंगी। इस योजना के तहत मल्टीलेवल कार पार्किंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में दो पहिया वाहनों के लिए 855 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 1800 रुपये का मासिक पास बनेगा। दो पहिया का 2 घंटे के लिए 15 रुपये और चार पहिया वाहनों का पार्किंग शुल्क 30 रुपये रखा जाएगा। एक घंटे तक पार्क करने पर सात और 15 रुपये लगेगा।
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