कोलकाताः नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद दशमी के दिन व्रत पारण के बाद मां दुर्गा का विसर्जन किया गया। महानवमी के अगले दिन दशमी तिथि को धूमधाम से दुर्गा मां की मूर्तियों का विसर्जन किया गया। कहते हैं कि विसर्जन ने के लिए श्रवण नक्षत्र युक्त दशमी तिथि शुभ मानी जाती है। इतना ही नहीं, दुर्गा विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा का भी समापन हो जाता है। विजय दशमी के दिन की मां दुर्गा का विसर्जन किया गया। इसी दिन मां कैलाश पर्वत के लिए प्रस्थान कर गईं।
हाथी पर सवार होकर विदा होंगी मां
बता दें कि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर के दिन हुई थी, और इस दिन मां डोली में सवार होकर धरती पर आई थीं, लेकिन उन्होंने हाथी से प्रस्थान किया। ज्योतिषियों का कहना है कि दशमी तिथि इस बार शुक्रवार को पड़ी थी इसलिए मां दुर्गा गज यानि हाथी पर सवार होतकर प्रस्थान करेंगी। मान्यता है कि मां का हाथी पर प्रस्थान उत्तम वर्षा का संकेत होता है।
दुख हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन अपने दुख से दूसरों की परेशानी न बढ़ाएं