डिजिटल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए सुदूर/कठिन/ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा की शर्त को कम से कम तीन साल तक बढ़ाने की पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना को बढ़ाने की मांग करने वाली डॉक्टरों की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। चुनौती दी गई थी।पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि इस अदालत ने अधिसूचना को बरकरार रखा है और न्यूनतम तीन साल की सेवा की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा कि अदालत ने अधिसूचना को बरकरार रखा और यह एक नीतिगत फैसला था।
शीर्ष अदालत ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए दूरस्थ/कठिन/ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा की शर्त को कम से कम तीन साल के लिए बढ़ाने संबंधी अधिसूचना को चुनौती देने वाली डॉक्टरों की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा था।
Read more : महिला विश्व कप : भारत ने वेस्टइंडीज से 155 रन से हाराया
डॉक्टरों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा था कि उन्हें इस बारे में नीट-पीजी परीक्षा में बैठने से पहले सूचित किया जाना चाहिए था न कि परीक्षा में बैठने के बाद।