लखनऊ (सं)। निकाय चुनाव में कम वोट पड़ने का बड़ा और मुख्य कारण मोबाइल भी रहा। आज के समय में हर व्यक्ति के पास मोबाइल है चाहे वह महिला हो या पुरुष। 21वीं सदी में मोबाइल ने संचार के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। हर व्यक्ति के शासन के तरीकों में परिवर्तन लाने के लिए फ़ोन को एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है।
आज इस संचार के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग, व्यवसाय इत्यादि से संबंधित सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। अब इसी का नकारात्मक रूप भी देखने को मिल रहा है। जैसे घर से निकलते वक़्त व्यक्ति के पास कुछ हो न हो मोबाइल जरूर होता है। लोग वोट डालने के दौरान भी मोबाइल अपने साथ ले गये, लेकिन मतदान केन्द्रों पर लोगों को मोबाइल ले जाने से रोका गया। मतदाताओं ने अपने मोबाइल सुरक्षा कर्मियों के पास रखकर वोट डालने की अपील की, पर उन लोगों ने मोबाइल की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया।
उसके बाद मतदाताओं ने पोलिंग एजेन्ट के पास मोबाइल रखने की कोशिश की तो उसने भी मना कर दिया। जब मतदाताओं को मोबाइल रखने के लिए सही स्थान नहीं मिला तो वह बिना वोट डाले ही वापस हो गये। हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से पहले से मतदान केन्द्र में मोबाइल ले जाने पर रोक लगा रखी है। मोबाइल वाला मामला शहर के अधिकतर मतदान केन्द्रों पर देखने को मिला। लोग मोबाइल के चक्कर में बिना वोट डाले ही वापस चले गये।
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