डिजिटल डेस्क: पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए टोक्यो ओलंपिक (टोक्यो ओलंपिक 2020) से सबसे ज्यादा पदक स्वदेश आए। हालांकि, भारत पैरालिंपिक की पहुंच से आगे बढ़ता दिख रहा है। तीरंदाजी से लेकर निशानेबाजी तक हर मामले में नया इतिहास बन रहा है। इसके साथ ही पदकों की संख्या बढ़ती जा रही है। शनिवार कोई अपवाद नहीं था। अल सोना और रूपो ने दिन की शुरुआत में फिर से शूटिंग शुरू कर दी। मनीष नरवाल ने फाइनल जीतकर देश को गोल्ड मेडल दिलाया। दूसरे स्थान पर रहने के बाद सिंहराज अधाना ने रजत पदक हासिल किया। दूसरी ओर, भारत के प्रमोद भगत ने पुष्टि की कि रूपो बैडमिंटन एकल के फाइनल में पहुंच गया है।
What a powerhouse #ShootingParaSport display from #IND! 🔥
Medal numbers 1⃣4⃣ and 1⃣5⃣ for 🇮🇳 and do it in style, making it a 1-2 in the Mixed 50m Pistol SH1 Final. #Gold for Manish Narwal 🤯#Silver for Singhraj Adhana 🤩
What a #Paralympics it has been for India! pic.twitter.com/o0dHfJF4AA
— Olympic Khel (@OlympicKhel) September 4, 2021
19 वर्षीय मनीष ने मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में अपने भारतीय प्रतिद्वंद्वी को हराकर स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले अबानी लेखारा ने पैरालिंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनकर इतिहास रच दिया था। इस बार सोना एल ने मनीष का हाथ थाम लिया। मनीष से हारने के बाद भारतीय एथलीट सिंहराज अधाना को सिल्वर मिला। लड़के की सफलता से उसका परिवार भी सदमे में है|
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प्रधानमंत्री ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो भारतीय एथलीटों को पदक जीतने पर बधाई दी। मौजूदा पैरालिंपिक में 14वां और 15वां मेडल 19 साल के मनीष और सिंहराज ने जीता। जो इतिहास है। लेकिन यह अंत नहीं है। आज एक और भारतीय सोने के लिए दौड़ेगा। वह आनंद का भक्त है। इससे पहले दिन में रूपो ने पुष्टि की कि वह बैडमिंटन में पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में पहुंच गया है।
Glory from the Tokyo #Paralympics continues. Great accomplishment by the young and stupendously talented Manish Narwal. His winning the Gold Medal is a special moment for Indian sports. Congratulations to him. Best wishes for the coming times. #Praise4Para. pic.twitter.com/gGHUXnetWA
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
इस समय दुनिया के नंबर एक स्टार प्रोमोड ने जापान के डाइसुके को सीधे गेम में हराकर फाइनल में प्रवेश किया। उसके लिए मैच का नतीजा 21-11, 21-18 है। उन्होंने महज 36 मिनट में मुकाबला जीत लिया। ध्यान दें कि यह पहली बार है जब बैडमिंटन को पैरालिंपिक में शामिल किया गया है। और इसलिए प्रोमोड पदक हासिल करने वाले और एक नया रिकॉर्ड बनाने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन बन गए। पूरा देश उनके लिए गोल्ड जीतने की दुआ कर रहा है।