Wednesday, October 22, 2025
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हसी आती है जब चपरासी कांग्रेस पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं- सांसद मनीष तिवारी

कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब कांग्रेस पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो यह हंसी का पात्र होता है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी के नाम पांच पन्नों की चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस सियासी घटना के बाद राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी को फिर एकबार नसीहत दी है। सांसद मनीष तिवारी कहा है कि जी-23 ने जो कांग्रेस सुप्रीमो को पार्टी की स्थिति को लेकर चिट्ठी लिखी थी, अगर उसपर ध्यान दिया गया होता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती। गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि वह आजाद के पांच पन्नों के पत्र के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे।

वार्ड चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं

उन्होंने कहा कि अजीब बात यह है कि जिन लोगों में वार्ड चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं है, वे कांग्रेस नेताओं के चपरासी थे, जब पार्टी के बारे में ज्ञान दिया जाता है तो यह हास्यास्पद है। हम एक गंभीर स्थिति में हैं। जो हुआ वह खेदजनक, दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी कहते हैं, ”मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूं कि हम इस संस्था यानी कांग्रेस के किरायेदार नहीं हैं, हम पार्टी के सदस्य हैं। अब अगर आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो यह दूसरी बात है। तब देखा जाएगा।”

कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक – सांसद मनीष तिवारी 

सांसद मनीष तिवारी ने आगे कहा कि दो साल पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की ज़रूरत है। कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह खैरात में नहीं मिला है। सांसद मनीष तिवारी कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं,यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं।

पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद कांग्रेस पार्टी और भारत के बीच समन्वय में दरार आ गई है। आत्मनिरीक्षण की जरूरत थी। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती।”

अधीर रंजन चौधरी ने मोदी पर बोला हमला

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि हिंदुस्तान में लाखों लोग कोविड से मर रहे थे तब मोदी जी ने किसी के लिए खेद तक व्यक्त नहीं किया लेकिन जिस दिन गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में आखिरी दिन था वह उनके लिए रोने लगे। उनका रोना एक नौटंकी था। गुलाम नबी के लिए रोने की कोई वजह नहीं थी।

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