एस्ट्रो डेस्क : हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार 19 नवंबर को है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इसी खुशी में देवताओं ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इसलिए कार्तिक की पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की प्रथा है। जानिए देव दिवाली या कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें और क्या न करें-
कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम-
- शास्त्रों में पूर्णिमा स्नान का महत्व बताया गया है। इसलिए इस दिन पवित्र नदी में ब्रह्म क्षण में स्नान करना चाहिए और उगते सूर्य को प्रणाम करना चाहिए।
- पूर्णिमा तिथि को दान का विशेष महत्व है। इस दिन हर व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार दान देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से देवता प्रसन्न होते हैं।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही भगवान विष्णु के शालिग्राम अवतार की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के दरवाजे पर आम के पत्तों और फूलों से मेहराब बनाएं। इस दिन सत्यनारायण का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
पूर्णिमा के दिन ऐसा न करें
- इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए।
- मांस और शराब नहीं खाना चाहिए।
- किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
अगर आपके हाथ में ये रेखा है तो लोग इस ग्रह के तपस्वी होते हैं
कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं
कार्तिक पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 18 नवंबर 2021 दोपहर 12:00 बजे से
कार्तिक पूर्णिमा समाप्त – 19 नवंबर, 2021 दोपहर 2:26 बजे।
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय – 17:28:24