एस्ट्रो डेस्क : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। शुक्रवार, 29 अक्टूबर, नौवीं के बाद आठवीं तिथि 14:10:00 बजे तक। आठवीं तिथि के स्वामी भगवान शिव और नवम तिथि की स्वामी दुर्गा हैं। शुक्रवार की शाम को घर के उत्तर-पूर्व कोने में या मंदिर में गाय का दीपक जलाने से धन प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
आज क्या करें और क्या न करें
शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो दही खाकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। इस तिथि को नारियल नहीं खाना चाहिए और यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ होती है। नीचे दिन के शुभ समय, दिशा की स्थिति, राहुकाल और गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है।
29 अक्टूबर 2021 दिन- शुक्रवार पंचाग
सूर्योदय:- 06:26:00 पूर्वाह्न
सूर्यास्त: – 05:34:00 अपराह्न
विशेष—इस दिन शाम के समय घर के उत्तर-पूर्व कोने में या मंदिर में गाय के चारों ओर दीपक जलाने से धन प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
विक्रम संवत – 2078
शॉक संबत – 1943
दर्पण:- दक्षिणायन
ऋतु:- शरद ऋतु
महीना: कार्तिक मास
पार्टी – कृष्णपक्ष
दिनांक:- आठवीं तिथि 14:10:00 बजे तक और फिर नवमी
तिथि स्वामी :- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव और नवमी तिथि के स्वामी दुर्गा हैं।
नक्षत्र:- 11:36:00 बजे तक पूष और फिर अश्लेषा
नक्षत्र स्वामी :- शनि पुष्य नक्षत्र का स्वामी है और बुध अश्लेषा नक्षत्र का स्वामी है।
जोड़:- 25:57:19 तक अच्छा और फिर सफेद
गुलिक काल:- 07:54:00 से 09:17:00 . तक गुलिक मुबारक
दिशा:- शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो दही खाकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
राहु काल:- राहु काल 10:41:00 से 12:04:00 . तक
खजूर का महत्व: इस तिथि को नारियल नहीं खाना चाहिए और यह तिथि आभूषण खरीदने और पहनने के लिए शुभ होती है।
27 अक्टूबर 2021 पंचांग- जाने तिथि, शुभ समय और राहु काल के बारे में….