डिजिटल डेस्क : इलाहाबाद हाईकोर्ट में भगवान विश्वेश्वर नाथ मंदिर (काशी विश्वनाथ) – ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर चल रही लगातार सुनवाई में सोमवार को कोर्ट के समक्ष अपर सॉलिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंह पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस मामले में सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने भी सरकार का पक्ष रखा. गौरतलब है कि पिछली तारीख पर कोर्ट ने सरकार की ओर से अधिवक्ता उपस्थित न होने पर सख्त टिप्पणी की थी.
वहीं, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी व कई अन्य याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया के समक्ष मंदिर की तरफ से अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि किसी धार्मिक भवन की प्रकृति का निर्धारण एक हिस्से से नहीं, अपितु पूरी संपत्ति के साक्ष्य के आधार पर होता है. एक हिस्से में बदलाव से पूरी संपत्ति की प्रकृति नहीं बदल सकती. संपत्ति विवाद पर पूरा साक्ष्य आने के बाद ही उसके धार्मिक चरित्र का निर्धारण किया जा सकता है.
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अगली सुनवाई आठ अप्रैल को
इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में वक्फ कानून लागू नहीं होगा, क्योंकि यह विवाद दो मुस्लिम पक्षकारों के बीच न होकर हिंदू और मुस्लिम पक्षकार के बीच होगा. गौरतलब है कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद पक्षकारों की ओर से पिछली तारीख पर लिखित बहस की गई थी. अब अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी.
राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने भी सरकार का पक्ष रखा. गौरतलब है कि पिछली तारीख पर कोर्ट ने सरकार की ओर से अधिवक्ता उपस्थित न होने पर सख्त टिप्पणी की थी.एक हिस्से में बदलाव से पूरी संपत्ति की प्रकृति नहीं बदल सकती. संपत्ति विवाद पर पूरा साक्ष्य आने के बाद ही उसके धार्मिक चरित्र का निर्धारण किया जा सकता है.