Thursday, June 26, 2025
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ईरान के हाइपरसोनिक जवाब के बाद इजरायल के जेट फाइटर्स ने मचाई तबाही

ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध ने अब एक नया मोड़ लिया है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने बुधवार को जंग का एलान करते हुए ट्विटर (एक्स) पर लिखा, “हैदर के नाम पर जंग शुरू होती है। हम आतंकी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देंगे।” उनके इस पोस्ट के बाद ईरान ने इजराइल के विभिन्न शहरों पर 25 मिसाइलें दागीं। जवाबी हमले में इजरायल ने भी ताबड़तोड़ हमले किए। इसके बाद ईरान ने इजरायल की ओर फत्ताह मिसाइलें दागीं हैं। इधर, अमेरिका ने यरूशलेम में तीन दिनों के लिए अपना दूतावास बंद कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, हमें पता है कि खामेनेई कहां छुपा है। अब ट्रंप का अगला कदम क्या होगा, इसपर सबकी निगाहें टिकी हैं।

ट्रंप ने टॉप आर्मी ऑफिशियल्स के साथ की मीटिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल-ईरान युद्ध पर बातचीत के लिए अपने शीर्ष सैन्य सलाहकारों से मुलाकात की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति तनाव कम करना चाहते हैं। यह बैठक व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में हुई। ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फोन पर बातचीत की। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या बात हुई।

ऑपरेशन “राइजिंग लॉयन” बनाम ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3

इजरायली सेना के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि हम अब ऑपरेशन “राइजिंग लॉयन” को अंजाम दे रहे हैं और हमने ईरान की परमाणु, बैलिस्टिक और कमांड क्षमताओं पर गहरी चोट पहुंचाई है। हम सैन्य ठिकानों पर निशाना साध रहे हैं। इधर, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने कहा कि इजरायल पर हुए हालिया हमले के दौरान हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है। हमने ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3 की 11वीं वेव को अंजाम दिया है।

फत्ताह मिसाइलें एक ‘हाइपरसोनिक’ मिसाइल है – ईरान

सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया, ईरान के मुताबिक, उसकी फत्ताह मिसाइलें एक ‘हाइपरसोनिक’ मिसाइल है, जो मैक 5 या ध्वनि की गति से पांच गुना (करीब 3,800 मील प्रति घंटा, 6,100 किलोमीटर प्रति घंटा) की स्पीड से चलती है और निशाना भेदने में सक्षम है।

तेल अवीव के एक हिस्से को खाली करने की चेतावनी जारी

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने तेल अवीव के एक हिस्से को खाली करने की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में हिब्रू में एक बयान शामिल है, जिसमें निवासियों से उत्तरी तेल अवीव के हिस्से को तुरंत छोड़ने के लिए कहा गया है। यह धमकी तब आई है, जब आईडीएफ ने फ़ारसी में इसी तरह की चेतावनी जारी की थी, जिसमें तेहरान के एक हिस्से से लोगों को निकालने का आग्रह किया गया था। ईरानी चेतावनी में एक नक्शा है, जो इज़राइली चेतावनी में शामिल नक्शे के समान दिखाई देता है।

यरुशलेम में अमेरिका ने बंद किया दूतावास

यरुशलम में अमेरिका ने तीन दिनों के लिए अपना दूतावास बंद कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि, “सुरक्षा स्थिति को देखते हुए और इजरायल होम फ्रंट कमांड के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, यरुशलेम में अमेरिकी दूतावास बुधवार, 18 जून से शुक्रवार (20 जून) तक बंद रहेगा। इसमें यरुशलम और तेल अवीव में वाणिज्य दूतावास अनुभाग शामिल हैं।

21 मुस्लिम देशों ने किया ईरान का समर्थन

पकिस्तान, सऊदी अरब सहित 21 देशों ने ईरान की समर्थन किया है। सभी देशों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायल ने ईरान पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।

इजराइली अटैक में ईरान में मारे गए 585 लोग

ईरान में अभी तक कम से कम 585 लोग मारे गए और 1,326 अन्य घायल हुए हैं। वॉशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह ने कहा कि उसने इजरायली हमले में मारे गए 239 लोगों की पहचान की है। वे सभी सामान्य नागरिक हैं। वहीं 126 लोगों की पहचान सुरक्षाकर्मियों के रूप में हुई है।

जी-7 के देशों ने हमारे नागरिकों की हत्या की अनदेखी की – ईरान

जी-7 के देशों ने एक साझा बयान में इजरायल का समर्थन किया, जिस पर ईरान की प्रतिक्रिया सामने आई है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “जी-7 नेताओं के बयान में ईरान के खिलाफ इजरायल की आक्रामकता और हमारे शांतिपूर्ण परमाणु बुनियादी ढांचे पर गैरकानूनी हमलों के साथ-साथ आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाने और हमारे नागरिकों की हत्या की अनदेखी की गई है।

भारत 110 मेडिकल छात्रों को निकाला गया

तेहरान में फंसे 110 भारतीय मेडिकल छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनके साथ-साथ भारत के कुछ और लोग भी निकाले गए हैं। वे सभी आर्मेनिया के बॉर्डरसे बाहर निकले हैं। ईरानी मीडिया के मुताबिक इजरायल ने पूर्वी तेहरान में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़े इमाम हुसैन विश्वविद्यालय को निशाना बनाया है।

बंद हुआ अमेरिकी दूतावास

अमेरिका ने यरुशलम में अपना दूतावास फिलहाल बंद कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा है कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इजरायल के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यरुशलम में दूतावास बुधवार से शुक्रवार तक बंद रहेगा।

ईरान के बैंक पर साइबर हमला

ईरान के बैंक सेपाह के ग्राहकों को साइबर हमले के कारण बैंकिंग सेवाओं में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीएनएन की रिपोर्टे के मुताबिक ईरान ने इजरायल से जुड़े एक हैकर ग्रुप ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाने का दावा किया है।

5 दिन बादआया शी जिनपिंग का बयान

इजरायल और ईरान के बीच चल रही बीते 5 दिनों से जंग के बाद पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुप्पी तोड़ी है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि बीजिंग इस संघर्ष और टकराव से बहुत चिंतित है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने मंगलवार को रिपोर्ट में कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश मध्य पूर्व में अचानक तनाव बढ़ने से बहुत चिंतित है। जो ईरान के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई के कारण हुआ है।

21 मुस्लिम देशों ने किया ईरान का समर्थन

पकिस्तान, सऊदी अरब सहित 21 देशों ने ईरान की समर्थन किया है। सभी देशों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायल ने ईरान पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।

ईरान को कमजोर करने के लिए कुछ भी करेंगे – इजरायल

इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने कहा, “हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने के लिये हमारी क्षमता में जो कुछ भी होगा, उसे करेंगे। अगर हम कूटनीतिक समाधान तक पहुंचने में कामयाब होते हैं तो बेहतर होगा।

बिना किसी शर्त सरेंडर करे ईरान – ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से दो टूक कहा है कि बिना किसी शर्त के सरेंडर करे। इसके अलावा उन्होंने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को भी धमकी देते हुए कहा कि हमें पता है कि आप कहां छिपे हुए हैं, लेकिन आप सुरक्षित हैं। हम आपको नहीं मारेंगे। ट्रंप ने कहा कि ईरान के एयरस्पेस पर अब हमारा कंट्रोल है।

यूक्रेन ने अपने नागरीकों को इजरायल-ईरान छोड़ने के लिए कहा

मिडिल ईस्ट में जारी जंग के बीच यूक्रेन ने अपने नागरीकों को इजरायल और ईरान छोड़ने के लिए कहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “मिडिल ईस्ट में सुरक्षा को लेकर गिरावट आई है। इजरायल और ईरान में रह रहे यूक्रेनी नागरीक जल्द से जल्द उस जगह को छोड़ दें। इससे पहले चीन और दक्षिण कोरिया ने भी अपने नागरिकों को इजराइल और ईरान छोड़ने की सलाह दी थी।

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