रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए गहरे मतभेदों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 सम्मेलन में पूरे विश्व को एक साथ जोड़ने की बात पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने विश्व के नेताओं से अपील की कि वे दुनिया भर में विश्वास में आई कमी को दूर करें। पीएम मोदी ने कहा सभी देश एक-दूसरे पर भरोसा करें और पुरानी चुनौतियों के नए समाधान खोजने की मिलकर कोशिश करें। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘भारत मंडपम’ में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि यदि दुनिया कोविड-19 को हरा सकती है, तो वह युद्ध के कारण आई विश्वास में कमी पर भी विजय प्राप्त कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने जी-20 नेताओं के ‘एक पृथ्वी’ सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ”यह वैश्विक कल्याण के लिए हम सबके साथ मिलकर चलने का समय है।” इस सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, सउदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा समेत कई नेताओं ने भाग लिया।
Held productive talks with PM @kishida230. We took stock of India-Japan bilateral ties and the ground covered during India's G20 Presidency and Japan's G7 Presidency. We are eager to enhance cooperation in connectivity, commerce and other sectors. pic.twitter.com/kSiGi4CBrj
— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2023
‘भारत मंडपम’ सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित
पीएम मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ सम्मेलन केंद्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”वैश्विक कोविड महामारी के बाद दुनिया ने विश्वास में कमी की नई चुनौती का सामना किया और दुर्भाग्य से, युद्धों ने इसे गहरा कर दिया।” उन्होंने कहा, ”लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि यदि हम कोविड जैसी वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं, तो हम विश्वास में कमी की इस चुनौती से भी पार पा सकते हैं। आज, भारत जी-20 के अध्यक्ष के रूप में पूरी दुनिया से विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है।
भारत में लोगों का जी-20 बन गया है – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”अब समय आ गया है, जब पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान चाहती हैं और इसीलिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के वास्ते मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में यह लोगों का जी-20 बन गया है और 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ”वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल से लेकर उत्तर-दक्षिण विभाजन तक, खाद्य प्रबंधन से लेकर ईंधन और उर्वरक प्रबंधन तक, आतंकवाद से लेकर साइबर सुरक्षा तक, स्वास्थ्य से लेकर ऊर्जा और जल सुरक्षा तक, सभी चुनौतियों के समाधान के लिए हमें मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।
एकजुटता का प्रतीक बन गई
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता देश के भीतर और बाहर समावेशन और एकजुटता का प्रतीक बन गई है। करोड़ों भारतीय इसमें शामिल हुए, देश के 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठक हुईं।” जी-20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि इस समूह को ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज भी सुननी चाहिए।
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