आज कल महिलाओं के पीरियड्स लेट आना काफी नार्मल हो गया है, कई महिलाओ को लेट पीरियड्स की समस्या लगतार भी हो सकती है। ज्यादतर लोगो को ऐसा लगता है की पीरियड मिस सिर्फ प्रेगनेंसी की वजह से होते है ,पर ऐसा नहीं है पीरियड मिस होने के कई कारण हो सकते है। चलिए जानते कोनसे है 9 वजह, जिसकी वजह से आपके पीरियड्स लेट हो रहे है|
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क्या आपको है तनाव?
तनाव एक ऐसी चीज़ जिसे कोई छुटकारा पाना नामुमकिन है| तनाव का असर शरीर पर कई तरीकों से पड़ता है, जिसमें पीरियड भी शामिल है| तनाव से GnRH [Gonadotropin-releasing hormone] नामक हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिसके कारण ओव्यूलेशन या पीरियड्स नहीं होते हैं| खुद को शांत रखें और पीरियड्स लेट आने की ज्यादा टेंशन न ले। अगर 7 दिन से ज्यादा लेट हो जाते है आपके पीरियड्स तो नियमित पीरियड साइकिल को वापस लाने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें|
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बीमारी भी हो सकता है कारण
मौसम के अदलाव बदलाव में तबियत का बिगड़ना नॉर्मल है। अचानक से हुए बुखार, सर्दी, खांसी या किसी लंबी बीमारी की वजह से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है | ये कुछ समय के रूप से होता है और एक बार जब आप बीमारी से ठीक हो जाते हैं, तो आपके पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं इसीलिए स्ट्रेस ना ले ज्यादा दिक्कत पकडे पर अपने डॉक्टर से सलाह ले |
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रूटीन का चेंज होना भी हो सकता है कारण
काम की भागदौड़ में रूटीन का बिगड़ जाना नार्मल होता है| शेड्यूल बदलना, नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर आना-जाना या फिर घर में किसी शादी या फंक्शन के दौरान हमारे रूटीन में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं| जिन बदालव की वजह से हमारे शरीर पर भी असर पड़ता है| शरीर को जब इस नए शेड्यूल की आदत हो जाती है या फिर जब हम हमारा फिरसे नार्मल रूटीन हो जाता है तो पीरियड्स भी नियमित हो जाते हैं और बाद में आपके डीकत ज्यादा हो रही हो तो अपन डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करे।
ब्रेस्टफीडिंग भी पीरियड्स लेट का कारण
प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्टफीडिंग से भी आपके पीरियड्स लेट सकते है। बहुत सी महिलाओं को समय पर पीरियड्स आने तब तक शुरू नहीं होते हैं जब तक कि वो बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद नहीं करती हैं|अगर आपको अधिक समस्या हो रही हो तो आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते है।
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बर्थ कंट्रोल पिल्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स से कई समस्या हो सकती है उन में से एक अनियमित तरह से पीरियड्स नहीं आना भी है | बर्थ कंट्रोल पिल्स और कुछ अन्य दवाएं भी पीरियड्स साइकिल को बदल देती हैं. ऐसी दवाएं लेने पर या तो पीरियड्स कम आते हैं या जल्दी-जल्दी आते हैं या बिल्कुल ही आने बंद हो जाते हैं. याद रखे अगर आपको ज्यादा समस्या हो रही हो तो आप जरूर अपने डॉक्टर से कंसल्ट करे।
मोटा होना भी है एक कारण
मोटापे की वजह से भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और जिसकी वजह से पीरियड्स आने में देरी हो सकती है। ये समस्या कम वजन वालों को भी होती है लेकिन मोटापा इसकी एक मुख्य वजह हो सकता है |
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प्री मेनोपॉज [Early menopause]
आमतौर पर 40 या 50 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में मेनोपॉज आता है। मेनोपॉज यानी मासिक धर्म [menstrual cycle] का बंद हो जाना। कुछ महिलाओं को 30 से 40 वर्ष के बीच में मेनोपॉज की स्थिति आ जाती है। इस स्थिति को प्री-मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज से पहले महिलाओं के शरीर में आंतरिक रूप से कई तरह के बदलाव आते हैं। इसकी वजह से पीरियड्स देरी से या समय से पहले आने लगते हैं। ज्यादा समस्या होने पर अपने डॉक्टर से कंसल्ट करे |
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अगर आपको है थायराइड की समस्या
गर्दन में स्थित थायरॉयड ग्रंथि, मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है. यह शरीर के कई कार्यों में भी भूमिका निभाती है. अगर आपको थायराइड संबंधित कोई समस्या है तो इसका असर पीरियड्स पर भी पड़ता है. अगर आपको थायराइड की दिक्कत है तो पीरियड्स को समय पर लाने के लिए और पीरियड के समय अगर ज्यादा पैन होता हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें.