एस्ट्रो डेस्क : हिंदू धर्म में गणपति की साधना को बहुत ही सरल और शीघ्र फल देने वाला माना गया है। गणपति को सौभाग्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए पारंपरिक परंपरा में किसी भी कार्य की शुरुआत श्री गणेश की पूजा से होती है, लेकिन किसी भी कार्य की शुरुआत को श्री गणेश करना कहा जाता है।
पलक झपकते ही सबसे बड़ी बाधा को दूर करने वाले भगवान गणेश के विभिन्न रूपों की पूजा के अपने ही गुण हैं। हरिद्रा नाम के मूल से बने गणपति की पूजा करने से बाल विवाह की मनोकामना पूरी होती है, जिन्हें हरिद्रा गणपति कहा जाता है। वहीं क्रिस्टल के गणपति की पूजा करने से धन की बर्बादी रुकती है और करियर और व्यवसाय में सुधार होता है।
न केवल गणपति की विभिन्न मूर्तियाँ, बल्कि गणेश शंख का खोल और गणेश यंत्र की पूजा और दर्शन जीवन से जुड़े सभी दुखों को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि लाते हैं। गणपति की कृपा पाने के लिए भी रुद्राक्ष एक बेहतरीन उपाय है। ऐसा माना जाता है कि गणेश रुद्राक्ष को गणपति के रूप में पूजा करने से परीक्षा, प्रतियोगिता आदि में सफलता मिलती है।
यदि आपके पास गणपति की पूजा करने के लिए सभी प्रकार की चीजें नहीं हैं, तो आप केवल दुर्बा चढ़ाने से ही उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि दुर्बा अमृत के समान है और कभी नष्ट नहीं होता है। ऐसे में भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए आपको बुधवार के दिन उनकी पूजा में दुर्बा का भोग लगाना चाहिए।
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गणेश को समर्पित सभी प्रकार के पौधों में शमी के पत्तों का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। गणपति को शमी के पत्ते अर्पित करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए आज आपको गणेश जी की पूजा में शमी के पत्ते चढ़ाने चाहिए।
बिना प्रसाद के किसी भी देवता की पूजा अधूरी है। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी को लड्डू और मोदक पसंद हैं। ऐसे में गणपति को प्रसन्न करने के लिए आज उनके पसंदीदा प्रसाद लड्डू या मोदक का भोग लगाएं.