Saturday, May 10, 2025
Homeधर्मपितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष को अवश्य करे ये...

पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष को अवश्य करे ये दान …

एस्ट्रो डेस्कः पितरों को समर्पित पितृसत्तात्मक मास भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन अमावस्या तक मनाया जाता है। हिंदुओं के लिए यह एक पखवाड़ा पुश्तैनी आत्मा की शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्यपुत्र यम ने 20,000 वर्षों तक तीव्र तपस्या करके शिव को प्रसन्न किया। आशीर्वाद के रूप में, शिव ने यम को पितृसत्ता का उत्तराधिकारी बनाया। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति पूरे वर्ष पूजा पाठ नहीं करता है, भले ही वह अपने पूर्वजों की पूजा करता है, फिर भी वह वांछित सफलता और पुण्य प्राप्त कर सकता है। इस साल पितृसत्ता पिछले 20 सितंबर से शुरू हुई है और 6 अक्टूबर तक चलेगी।

जब श्रद्धा के साथ श्राद्ध किया जाता है, तो पूर्वज संतुष्ट होते हैं और आशीर्वाद के साथ मृत्युलोक में जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार यदि पूर्वज श्राद्ध कर्म नहीं करते हैं तो वे क्रोधित हो जाते हैं और शाप भी दे सकते हैं। श्राद्ध के अलावा, कई लोग अपने दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ध्यान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार एक पिता को जो सात चीजें देनी चाहिए, वे हैं:

* काला तिल

श्राद्ध में काले तिल का दान करना चाहिए। इससे पूर्वज और दाता दोनों को लाभ होता है। शास्त्रों के अनुसार इस समय पितरों को जो कुछ भी दान करना चाहिए उसे हाथ में काले तिल लेकर दान करना चाहिए। काला तिल विष्णु को प्रिय है। इसे शनि का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए आपको दान में काला तिल अवश्य लगाना चाहिए।

* कपड़े

श्राद्ध में वस्त्र दान करना चाहिए। हिंदू धर्म के अनुसार श्राद्ध में अपने पितरों को वस्त्र दान करने वालों पर हमेशा पितरों की कृपा बरसती है। इसके अलावा श्राद्ध में धोती और आभूषण का दान शुभ माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन हमारे जैसे पूर्वजों की आत्माओं को प्रभावित करता है। ऐसे में उन्हें कपड़ों की इच्छा होती है। श्राद्ध में वस्त्र दान करने से पूर्वज प्रसन्न हुए।

* चांदी

पिता चांदी की कोई वस्तु दान कर सकता है। प्रचलित मान्यता के अनुसार इससे पितरों की आत्मा को शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितरों के आशीर्वाद से ही दाता के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार चंद्रमा के ऊपरी भाग में पूर्वजों का वास होता है। चांदी का संबंध चंद्रमा से है। इसलिए श्राद्ध में वे चांदी, चावल और दूध से प्रसन्न होते हैं।

* गुड़ और नमक

श्राद्ध में इन दोनों वस्तुओं का दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार नमक का दान करने से यम का भय भी दूर हो जाता है। पारिवारिक कलह को निपटाने के लिए श्राद्ध में गुड़ और नमक का दान करना चाहिए।

सांप की जीभ बीच में ही क्यों कट जाती है? जानिए इस मिथक की अनजानी कहानी!

*जूते

श्राद्ध में गरीबों को जूते दान करना शुभ माना जाता है।

* छाता

ऐसा माना जाता है कि श्राद्धकार में छाता दान करने से परिवार में सुख, शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। इससे पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है।

* भूमि

हालांकि वर्तमान में भूमि दान बहुत संभव नहीं है। अधिकांश लोग श्राद्धकर्म के लिए भूमि दान नहीं कर सकते हैं। फिर भी यह माना जाता है कि श्राद्ध के दौरान पूर्वजों को आत्मा की शांति के लिए भूमि दान करनी चाहिए।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments