शिव भक्तों और हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का एक बहुत ही खास महत्व होता है. वैसे तो हर महीने की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का भक्त पूरी साल बेसब्री से इंतजार करते हैं. महाशिवरात्रि दिन प्रभु शिव को खुश करने के लिए भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करते हैं. कहते हैं कि इस दिन भगवान भोलेनाथ की मां गौरी के साथ शादी हुई थी.इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 01 मार्च को मनाया जाएगा. इस पावन दिन पर रूद्राभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है. इसके साथ ही शिवलिंग पर विशेष चीजें चढ़ाने से हर तरह के रोग दूर होते हैं. ऐसे में जनते हैं महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर कौन-कौन सी चीजें नहीं अपर्ति करनी चाहिए.
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर ना चढ़ाएं ये चीज
भगवान शिव को खुश करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. इस बात भी ध्यान भक्तों को रखना चाहिए कि इस दिन शिवलिंग पर पाश्चुरीकृत या पैकेट का दूध ना चढ़ाएं, जहां तक हो प्रभु के ऊपर ठंढ़ा दूध ही चढ़ाएं. इसके साथ ही भगवान शिव को भूलकर भी चंपा या केतली के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए.शिवलिंग पर कभी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए और ना ही कटे-फटे या टूटे हुए बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. शिवलिंग पर सिंदूर से तिलक नहीं करना चाहिए.
महाशिवरात्रि पर कैसे करें अभिषेक
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग पर हमेशा ही सबसे पहले पंचामृत अर्पित करना चाहिए, दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल के मिश्रण को पंचामृत कहा जाता हैं. इसको अर्पित करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं. महाशिवरात्रि पर जो भी भक्त चार प्रहर की पूजा करते हैं, और भोलेनाथ तो पहले प्रहर में जल, दूसरे प्रहर में दही, तीसरे प्रहर में घी और चौथे प्रहर में शहद से अभिषेक करते हैं उनके सभी कष्टों को प्रभु दूर करते हैं. इस दिन भक्तों को पूरी श्रद्धा और भावना के साथ व्रत भी रखना चाहिए और चारो प्रहर की पूजा के बाद अगले दिन नहा धोकर ही व्रत खोलना चाहिए.
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2022
इस बार महाशिवरात्रि के लिए शुभ तिथि की शुरुआत 1 मार्च 2022 को मंगलवार के दिन सुबह 3 बजकर 16 मिनट से होने वाली है. जबकि चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 2 मार्च, बुधवार के दिन सुबह 10 बजे होने वाली है,यानी कि महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा 1 मार्च को ही की जाएगी.
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