नई दिल्ली: हिंदू और हिंदुत्व के मुद्दों पर बयानबाजी जारी है। वयोवृद्ध कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि हिंदुत्व के विचारक बिनायक दामोदर सावरकर ने गौ पूजा का समर्थन नहीं किया। राज्यसभा सदस्य सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया कि सावरकर ने अपनी एक किताब में कहा था कि बीफ खाने में कोई बुराई नहीं है. वहीं आरडीडी नेता शिवानंद तिवारी ने दिग्विजय सिंह का समर्थन करते हुए कहा है कि गाय को मां कहना मानव जाति का अपमान है.वयोवृद्ध कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “उन्होंने (सावरकर) अपनी पुस्तक में स्पष्ट रूप से लिखा है कि हिंदू धर्म और हिंदू धर्म के बीच कोई संबंध नहीं है। सावरकर ने ऐसा कहा।
#WATCH | Veer Savarkar in his book has written that the Hindu religion doesn't have any relation with Hindutva. He also wrote that cow… can't be our mother and there is no problem in eating cow beef: Congress leader Digvijaya Singh in Madhya Pradesh's Bhopal pic.twitter.com/wYsk4YXmDJ
— ANI (@ANI) December 25, 2021
शिवानंद तिवारी का बयान
इस बीच दिग्विजय सिंह की टिप्पणी के बाद राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सावरकर ने बीफ खाने के बारे में क्या कहा था लेकिन कोई भी जानवर इंसान का माता-पिता नहीं हो सकता। एएनआई से बात करते हुए तिवारी ने कहा, “सावरकर ने कहा है कि कोई भी जानवर इंसान का माता-पिता नहीं हो सकता है। हिंदुत्व शब्द का प्रयोग सबसे पहले सावरकर ने किया था।
#WATCH| Veer Savarkar questioned how can an animal be a mother or father of a human being… calling cow the mother of human beings is an insult to human race. Savarkar used ‘Hindutva' term 1st time in 1923 &said that Hindu & ‘Hindutva’ are different things: Shivanand Tiwari, RJD https://t.co/CyRU74B1qR pic.twitter.com/8PrtYXAWys
— ANI (@ANI) December 26, 2021
मैं हिंदू हूं लेकिन हिंदू नहीं
इस महीने राजस्थान में एक रैली में बोलते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि भारत हिंदुओं का देश है, न कि “हिंदुत्ववादियों” और हिंदुत्ववादियों को हटाने का आह्वान किया। राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा था, “दो आत्माओं की एक ही आत्मा नहीं हो सकती, उसी तरह दो शब्दों का एक ही मतलब नहीं हो सकता क्योंकि हर शब्द का एक अलग अर्थ होता है। आज राजनीति में दो शब्दों का टकराव है। हिंदू एक और शब्द हिंदुत्व है। मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदुत्व नहीं।
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