Monday, December 23, 2024
Homeव्यापारमहंगा होगा डीजल-पेट्रोल:5 राज्यों में चुनाव होते ही कंपनियां 15 रुपए तक...

महंगा होगा डीजल-पेट्रोल:5 राज्यों में चुनाव होते ही कंपनियां 15 रुपए तक बढ़ा सकती हैं दाम

डिजिटल डेस्क : उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। विधान सभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं इसके बाद पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं, क्योंकि कच्चे तेल के दाम 8 साल के हाई लेवल पर जा पहुंचे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 95 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं। इससे पहले 2014 में कच्चे तेल के दाम 95 डॉलर के पार गए थे।

100 डॉलर के पार जा सकता है कच्चा तेल
एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल का दाम 69 डॉलर प्रति बैरल था, जो अब 95 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया है। यानी ढाई महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में 37% की तेजी आ चुकी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जल्द ही ये 100 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा भी पार कर जाएगी।

मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं
टेक्सास की ऑयल कंपनी पायनियर नेचुरल रिसोर्सेज के स्कॉट शेफील्ड ने कहा- अगर पुतिन हमला करते हैं, तो कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, लेकिन अगर बाइडेन ईरान पर से प्रतिबंध हटाते हैं, तो इनमें 10 डॉलर की गिरावट होगी। फिलहाल मार्केट में जितनी मांग है उतनी आपूर्ति नहीं है, इस वजह से यह तो तय है कि कीमतें 100 डॉलर के पार जाएंगी।

चुनाव आते ही लग जाता है पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर ब्रेक
एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार भले ही पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करने में अपनी भूमिका से इनकार करती हो, लेकिन बीते सालों में ऐसा देखा गया है कि चुनाव के दौरान सरकार जनता को खुश करने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती है। पिछले सालों का ट्रेंड बता रहा है कि चुनावी मौसम में जनता को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से राहत मिली है।

15 रुपए तक बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। वहीं तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 15 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है। इतना ही नहीं, आगे भी इसमें तेजी जारी रह सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 15 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।रेटिंग एजेंसी इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड प्रशांत वशिष्ठ के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं। ऐसे में यदि क्रूड 100 डॉलर पर पहुंचा तो पेट्रोल-डीजल के दाम 10 रुपए तक बढ़ सकते हैं।

3 नवंबर को सरकार ने घटाया था टैक्स
केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की घोषणा की थी। अगले ही दिन देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आई और कई राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किया। इससे आम आदमी को राहत मिली थी। इसके बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। रुझान बताते हैं कि पिछले करीब साढ़े तीन महीने से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इसी दौरान कच्चे तेल की कीमतों में काफी तेजी आई है।

पेट्रोल-डीजल की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी, लेकिन 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया।अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।

भारत अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल करता है आयात
हम अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदते हैं। इसकी कीमत हमें डॉलर में चुकानी होती है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे होने लगते हैं। कच्चा तेल बैरल में आता है। एक बैरल, यानी 159 लीटर कच्चा तेल होता है।

Read More : ममता बनर्जी की भविष्यवाणी, यूपी के पहले दौर में कितनी सीटें जीत रही है सपा

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments