डिजिटल डेस्क : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनाम घेब्रेयसस ने बुधवार को कहा कि दुनिया भरके अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर कोरोना मरीजों के पास कोरोना की वैक्सीन नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड का टीका गंभीर बीमारी और मौत के जोखिम को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, लेकिन संक्रमण को फैलने से नहीं रोक सकता।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस ने कहा: “दुनिया भर में अस्पताल में भर्ती अधिकांश लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है। जहां वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौत को रोकने में कारगर है।
गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है
टेड्रोस ने कहा, “डेटा से पता चलता है कि कई स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है या छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।” गर्भवती महिलाओं को गंभीर संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए इन्हें कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल किया जाए। इसके अलावा, गर्भ में या जन्म के समय मां से बच्चे में संचरण दुर्लभ है। इतना ही नहीं मां के दूध में कोई एक्टिव वायरस नहीं पाया गया।
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ओमाइक्रोन को हल्के में लिया जा सकता है
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि कम टीकाकरण दर के कारण अल्फा, बीटा, डेल्टा, गामा और ओमाइक्रोन का विस्तार आसान था। हमने नए रूपों के उद्भव के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाई हैं। कुल मिलाकर, वैक्सीन असमानता और स्वास्थ्य असमानता पिछले साल की सबसे बड़ी विफलताएं थीं। टेड्रोस का कहना है कि ओमिक्रॉन डेल्टा संस्करण की तुलना में कम गंभीर है। ओमाइक्रोन के टीके लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं करते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हल्के में लिया जाए।