यूपी के महाराजगंज में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान 105 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम में मंच पर जगह न मिलने से कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी विधायक नाराज हो गए। प्रोटोकाल न मिलने का आरोप लगाते हुए वह वहीं जमीन पर बैठ गए। विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि उन्हें ध्वजारोहण के लिए बुलाया गया था। लेकिन न उनका नाम मंच पर था और न ही वहां उनके लिए बैठने की व्यवस्था की गई थी।
विधायक वीरेन्द्र चौधरी के जमीन पर बैठने के बाद एडीएम और ईओ उन्हें मनाने लगे। लेेेकिन विधायक वीरेन्द्र चौधरी उनसे अपनी नाराजगी जताते रहे। जिससे कुछ देर के लिए माहौल गर्म हो गया। भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान बीच- बचाव कर पुलिस व प्रशासन के लोगों ने किसी तरह से मामले को शांत कराया। हालात को भांपते हुए प्रशासन ने शहीद पंकज त्रिपाठी की पत्नी और बेटे से ध्वजारोहण करा दिया। इसके बाद किसी तरह समझा बुझाकर विधायक वीरेन्द्र चौधरी को शांत कराया गया और कार्यक्रम शुरू हुआ।
धरने पर बैठे रहे विधायक
विधायक वीरेन्द्र चौधरी सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक धरने पर बैठे रहे। विधायक वीरेन्द्र चौधरी आरोप लगाया कि कार्यक्रम में सुबह 9 बजे के लिए उन्हें निमंत्रण दिया गया था। लेकिन वह समारोह में आए तो सम्मान नहीं मिला। विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। प्रोटोकाल का सरासर उल्लंघन है।
यह है मामला
नगर पंचायत आनंदनगर द्वारा कस्बे के विष्णु मंदिर तिराहे पर 105 फीट ऊंचे तिरंगे का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित था। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नगर पंचायत द्वारा विधायक वीरेंद्र चौधरी को आमंत्रण पत्र भेजा गया था। जिस पर वह समर्थकों के साथ कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। विधायक ध्वजारोहण में देरी और मंच पर जगह न मिलने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम स्थल पर ही धरने पर बैठ गए।