कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है। उन्होंने इस नोटिस में आरोप लगाया है कि पीएम द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेहरू उपनाम रखने का सुझाव देना, दोनों नेताओं के विशेषाधिकार का उल्लंघन है और सदन की अवमानना है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने अपने नोटिस में क पीएम मोदी के उस सुझाव को ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया कि उन्हें (सोनिया और राहुल) नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में क्यों शर्म आती है।
पीएम के बयान को वेणुगोपाल ने कहा ‘‘अपमानजनक’’
कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने इस चिट्ठी में कहा, “पीएम का यह कहना कि गांधी परिवार के सदस्यों ने नेहरु सरनेम क्यों नहीं लिया, अपने आप में काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम जानते हैं कि बेटी शादी के बाद अपने पिता का सरनेम नहीं रख सकती। यह जानने के बावजूद उन्होंने जानबूझकर इस बात का मजाक बनाया। इसके अलावा इस मामले को और वृहद तरीके से बताए जाने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, पीएम के बात करने का लहजा और आशय अपमानजनक था। यह पीएम की ओर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की छवि गढ़ने जैसा था। जो कि दोनों के विशेषाधिकार का हनन है और इस सदन की भी अवमानना है।
क्या कहा था पीएम मोदी ने ?
कांग्रेस ने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी के उस बयान का भी जिक्र किया है। पीएम ने कहा था, “मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो भाई , नेहरू जी का नाम हमसे कभी छूट जाता होगा और यदि छूट जाता है, तो हम उसे ठीक भी कर लेंगे। क्यूंकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे। लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति नेहरू जी का सरनेम रखने से क्यों डरता है ? क्या शर्मिंदगी है भाई नेहरू सरनेम रखने में ? इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है, परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते रहते हो।
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